हैदरगढ़ की एहसान फरामोश अवाम,भूल गयी तरक्की का एक अहम किरदार,बाराबंकी का विकास,गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल हर दिल अज़ीज़ इंकलाबी नेता सुरेंद्र नाथ अवस्थी पुत्तू भैया की सातवीं बरसी पर सिर्फ ग्रामांचल में परिजनों ने याद कर किया नम आंख,दी भावभीनी श्रद्धांजलि,उनके बताए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प

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हैदरगढ़ बाराबंकी। हैदरगढ़ की माटी के लाल कहे जाने वाले पूर्व विधायक पंडित सुरेंद्र नाथ अवस्थी पुत्तू भैया की याद में सातवीं पुण्यतिथि पर हैदरगढ़ बाराबंकी की एहसान फरामोश अवाम भूल गयी।आज के दिन उनकी याद में ना कोई जलसा हुआ और ना कोई सबील ,ना ही मरीज़ों को फल वितरण ,ना गरीबो को कम्बल वितरण,और ना ही ब्लड डोनेशन कैम्प के साथ उनके परिजनों की नम आंखों से बहने वाले आँसू कुछ लोगो को छोड़कर पोछने भी नही पहुचे।वही ग्रामांचल में उनकी याद में परिजनों और नज़दीकी लोगो ने भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा दिवंगत अवस्थी जी के द्वारा बताएं गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

हैदरगढ़ क्षेत्र में शिक्षा के क्रांति दूत एवं माटी के लाल कहे जाने वाले पूर्व विधायक पंडित सुरेंद्र नाथ अवस्थी पुत्र भैया का निधन 3 फरवरी वर्ष 2012 को हो गया था ।आज उनकी सातवीं पुण्यतिथि थी ।
इस मौके पर उनके द्वारा स्थापित ग्रामांचल महाविद्यालय के स्मृति उपवन में उनकी प्रतिमा स्थल पर एकत्रित लोगों ने उन्हें गमगीन माहौल में याद किया।
यहां ग्रामांचल सेवा समिति की अध्यक्षा एवम दिवंगत अवस्थी जी की पत्नी श्रीमती प्रेमा अवस्थी ने अपने पुत्र शरद अवस्थी, आशुतोष अवस्थी टिंकू भैया, सिद्धार्थ अवस्थी सिध्धू तथा बहु श्रुति अवस्थी, रीतू अवस्थी एवं सुप्रिया अवस्थी सहित सभी परिजनों के साथ दिवंगत अवस्थी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके चरणों में पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
इस दौरान भजन सम्राट ओंकार एवं उनके साथियों के द्वारा सुंदरकांड तथा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। आमंत्रित ब्राह्मणों को भोजन कराया गया ।
इस मौके पर पुत्तू भैया के पुत्र आशुतोष अवस्थी ने संकल्प लिया कि हम पिताजी के द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाएंगे ।
पुत्तू भैया के सबसे छोटे पुत्र सिद्धार्थ अवस्थी सिद्धू ने कहा कि पिताजी आज भी हम सभी के बीच जीवित हैं। उनके द्वारा बनाई गई रिश्तो की रियासत को आगे बढ़ाने का काम अवस्थी खानदान हमेशा करता रहेगा ।
वरिष्ठ पत्रकार परवेज ने कहा कि पुत्तू भैया का सामाजिक ताना-बाना इतना इंसानियत एवं प्रेम भरा था कि उन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता । उनके बारे में कुछ भी बोलना सूरज को दिया दिखाने जैसा है।
सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने कहा कि जो लोग विचारों में जीवित रहते हैं वह अपने बीच से कभी कहीं नहीं जाते। अवस्थी जी आज भी हम सभी के साथ वैचारिक रूप से जीवंत है।
इस मौके पर शरद अवस्थी ,ठाकुर माता बख्स सिंह ,ऋषि कुमार, लालमणि शुक्ला आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
जबकि दिवंगत अवस्थी जी के खास सरवर अली सिद्दीकी उद्बोधन के दौरान अपने आंसू बहने से ना रोक पाए ।सभी ने 2 मिनट का मौन रखकर कर सुरेंद्र नाथ अवस्थी पुत्र भइया को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रमुख रूप से शिवकुमार चतुर्वेदी ,राजेश सिंह ,भवानी पाठक ,सूर्य प्रताप सिंह ,दीपू द्विवेदी, विष्णु तिवारी, भगवंत रावत ,मौलाना इस्माइल, लल्ला खान ,हरीश कुमार मिश्र, गंगा बक्स सिंह ,गोपी कृष्ण अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, रामाधार यादव ,दिनेश शुक्ला ,मोहम्मद इजहार ,बार के पूर्व अध्यक्ष यशवंत तिवारी,चंद्र प्रकाश, जगदीश शर्मा, गणेश शंकर मिश्रा ,बीनू तिवारी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

 

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