नई दिल्ली: सीबीआई जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार ने एसआइटी जांच का विरोध किया था. महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये याचिका न्यायपालिका को ‘सनसनीखेज’ बनाने के लिए की गई है.ये राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश है. आरोप लगाए जा रहे हैं, प्रेस कांफ्रेस की जा रही है. अमित शाह के आपराधिक मामले में आरोपमुक्त करने को इस मौत से लिंक किया जा रहा है. उनकी मौत के पीछे कोई रहस्य नहीं है. इसकी आगे जांच की कोई जरूरत नहीं है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित दो याचिकाएं कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बीएस लोन ने दायर की हैं. बाद में पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने एक अर्जी दायर कर उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और पूर्व पुलिस अधिकारियों की एक समिति द्वारा स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी.
गौरतलब है बीएच लोया सोहराबुद्दीन एन्काउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने पर मृत्यु हो गई थी. उस वक्त वह एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी की आखिरी सुनवाई के दौरान याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को गंभीर बताया था लेकिन मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे को फटकार लगाई थी. न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के प्रति भी नाराजगी जताई थी जिन्होंने मीडिया संबंधी अपना बयान बाद में वापस ले लिया था.