सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक, भारतीय संविधान में मुसलमानों का विश्वास और मज़बूत होगा : मौलाना कल्बे जवाद नकवी

Breaking News CRIME Latest Article

तहलका टुडे टीम
लखनऊ,- सुप्रीम कोर्ट ने पवित्र कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिय दाखि़ल की गई वसीम रिज़वी की याचिका को खारिज करते हुए उस पर 50 हज़ार का जुर्माना लगाया है,जो कि ऐतिहासिक फैसला है। मजलिसे उलेमाए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए तीन सदस्यीय बेंच का धन्यवाद किया और फैसले को मील का पत्थर बताया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैयादकल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और हमें सुप्रीम कोर्ट से भी इसी तरह के सख्त रुख की उम्मीद थी।इस फैसले से भारतीय संविधान में मुसलमानों का विश्वास और मज़बूत होगा और फसाद फैलाने वाली शक्तियों को कडा सबक़ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखा है और भारत की गंगा-जमनी सभ्यता पर हमला करने वाली शक्तियों के इरादों को शिकस्त दी है।
मौलाना ने कहा कि वसीम मुर्तद की याचिका को खारिज करके और उस पर जुर्माना लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने भारत में कई अपेक्षित फितनों को उभरने से रोका दिया है। हम सुप्रीम कोर्ट के जजों को मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने और भारत के संविधान की गरिमा को बढाने के लिए धन्यवाद देते हैं।
मौलाना ने सरकार से ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें भारत की शांति और अमन भंग करने के लिए जेल भेजने की मांग की।मौलाना ने कहा कि वसीम किसी का वफादार नहीं है, वह केवल अवसरवादी हैं। उस ने जेल जाने से बचने के लिये कुरान का अपमान किया था और अदालत में यह याचिका दायर की थी। इसलिए, हमें अब उम्मीद है कि वह जल्द ही वक्फबोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेजा जाएगा।
मौलाना ने कहा कि हम उन सभी गैर-मुस्लिम भाइयों का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने वसीम रिजवी की याचिका के खिलाफ हमारी मदद की और उसके इस कदम की खुलेआम निंदा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *