बाराबंकी में पत्रकारो के संघटनो की बेहिसी के बीच पत्रकारो को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी किये हुए है पंडित राजनाथ शर्मा,वरिष्ठ पत्रकार सुभाष मिश्रा के निधन पर किया शोक सभा का आयोजन कहा सुभाष की संजीदगी उनके लेखन में दिखती थी

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तहलका टुडे डेस्क

बाराबंकी।बाराबंकी और लखनऊ के पत्रकार संघटन बेहिसी का शिकार है पत्रकारो पर हो रहे जुल्म पर खामोशी और ज़ालिम से दोस्ती, नेताओ और अधिकारियों की मक्खन बाज़ी में जमकर लगे बीमार पत्रकारो का कोई एक दूसरे का पुरसाने हाल नही है। बाराबंकी के सारे संघटन मरघट में सांसे ले रहे है,कई पत्रकारो की मौत के बाद भी जू नही रेंग रही है कि उनके परिजनों को पुरसा दिया जाय और उनकी मदद के लिये खड़े हुआ जाय,जन प्रतिनिधि और अधिकारी भी उनको नैपकिन की तरह इस्तेमाल कर रहे है।
इन्ही सब मे गांधी वादी नेता बाराबंकी में पत्रकारो के निधन पर शोक सभा कर उनकी याद ताजा किये हुए है
वरिष्ठ पत्रकार सुभाष मिश्रा के निधन पर गांधी भवन में गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट में आयोजित शोकसभा में समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने कहा सुभाष मिश्रा का जाना भारतीय पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। वे एक संघर्षशील, ईमानदार और संजीदा पत्रकार रहे। उन्होंने पत्रकारिता से समाज को आइना दिखाने का काम किया। प्रखर लेखनी और सौम्य व्यक्तित्व ही उनकी पहचान थी।

इस दौरान उपस्थित जनों ने वरिष्ठ पत्रकार सुभाष मिश्रा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके निधन को पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति बताया।

समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने उनको पत्रकारिता जगत की अनूठी पहचान बताते हुए निर्भीक पत्रकारिता को हमेशा याद किए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सुभाष मिश्रा का व्यक्तित्व इतना विशाल था कि उनको शब्दों में समेटना संभव नहीं है। वे महान व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने पत्रकारिता के साथ साथ समाज हित में भी कई कार्य किए। स्व. मिश्रा गांधी विचार और समाजवादी आंदोलन से काफी प्रभावित थे। वह गांधी भवन द्वारा संचालित आत्मनिर्भर भारत यात्रा एवं भारत पाकिस्तान बांग्लादेश का महासंघ बनाओ के मार्गदर्शक भी थे।

पर्यावरणविद् सलाउद्दीन किदवई ने बताया कि सुभाष मिश्रा फुटबाल के बेहतरीन खिलाड़ी थे। वह प्रकृति प्रेमी भी थे। खेल को प्रोत्साहित करने के लिए महात्मा गांधी स्पोर्ट्स क्लब का गठन किया गया जिसके वह संस्थापक सदस्य थे।

समाजसेवी विनय कुमार सिंह ने कहा कि स्व. सुभाष मिश्रा ने पत्रकारिता के मानदंड को अपनी शर्तों पर स्थापित किया। राजनेताओं से करीबी रिश्ते भी उनकी लेखनी को प्रभावित नहीं कर सके। यह उनकी ही काबिलियत थी कि उनकी तीखी से तीखी टिप्पणी के बावजूद उनके राजनीतिक रिश्तों पर कभी आंच नहीं आई। व्यक्तिगत रूप से उनके किसी से संबंध खराब नहीं हुए।

इस मौके पर प्रमुख रूप से मृत्युंजय शर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, सत्यवान वर्मा, पी.के सिंह, अतीकुर्रहमान, धनंजय शर्मा, संतोष शुक्ला, शमीम अहमद वारसी, नीरज दूबे, हुमायूं नईम खान, साकेत मौर्या, मनीष सिंह ने स्वर्गीय सुभाष मिश्रा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

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