तिरुअनंतपुरम । दक्षिण के तीन राज्यों ने 15वें वित्त आयोग के टीओआर पर नाराजगी जाहिर की है। तीनों राज्यों ने राज्यों के कोष का हस्तांतरण को पूर्वाग्रह से ग्रसित और संविधान में वर्णित संघवाद के सिद्धांत के विपरीत बताया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीनों दक्षिणी राज्यों के आरोपों को खारिज किया है और जोर देकर कहा है कि 15वें वित्त आयोग के टर्म्स ऑफ रिफ्रेंस (टीओआर) में कोई पूर्वाग्रह नहीं है। टीओआर को जनसंख्या नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के खिलाफ भेदभाव करने वाला कहा जा रहा है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि एक गैरजरूरी विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है कि टीओआर देश के किसी खास क्षेत्र के खिलाफ बनाया गया है। अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा है, ‘सत्य के सामने कुछ भी नहीं ठहर सकता है।’
पहली बार दक्षिणी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय हस्तांतरण में भारी कटौती की संभावनाओं पर बैठक की। बैठक में आगे की चुनौतियों पर विचार किया गया। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आरोप लगाया कि यह कुछ विकासशील राज्यों के खिलाफ है। इस बैठक में केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के साथ ही कांग्रेस शासित केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी भी शामिल हुआ। अन्नाद्रमुक शासित तमिलनाडु और टीआरएस शासित तेलंगाना इस बैठक से दूर रहे। बैठक का अयोजन केरल ने किया था।
हिस्सा लेने वाले राज्यों ने टीओआर का विरोध किया और कहा कि इससे प्रदर्शन करने वाले राज्यों को राजस्व घाटा होगा। राज्य अन्य बातों के अलावा टीओआर के 2011 के जनसंख्या आंकड़े का इस्तेमाल करने की सिफारिश का विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय कर राजस्व आवंटन के लिए राज्य 1971 की जनसंख्या को आधार बनाने की मांग कर रहे हैं। पूर्व के वित्त आयोगों ने इसी आंकड़े का इस्तेमाल किया था।
क्या कहा राज्यों ने
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बैठक का उद्घाटन करते हुए 15वें वित्त आयोग के टीओआर में संशोधन की मांग की और कहा कि यह वित्तीय संघवाद और लोकतांत्रिक सुशासन पर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तय टीओआर वित्त आयोग को अपनी संवैधानिक जवाबदेही का निर्वाह करने से रोकेगा।
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यानमला रामकृष्णुडु ने कहा कि तेदेपा शासित राज्य टीओआर के खिलाफ है। राज्यों से परामर्श किए बगैर केंद्र ने इसे तय किया है। राज्यों की मांग है कि चर्चा के बाद इसमें बदलाव किया जाए।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि यह सम्मेलन केंद्र सरकार के लिए आंखें खोलने वाला साबित होगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य दंडित होंगे और खराब प्रदर्शन करने वाले पुरस्कार पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा को-ऑपरेटिव फेड्रलिज्म की बात करते हैं, लेकिन वास्तव में यह तानाशाही है।