आर्मी चीफ रावत बोले- अगर जितेंद्र के खिलाफ सबूत मिलते हैं तो उसे पुलिस के हवाले किया जाएगा
बुलंदशहर. बुलंदशहर हिंसा मामले में जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के बाद शनिवार को एसएसपी, स्याना सीओ और चिंगरावठी चौकी प्रभारी को हटा दिया गया है। हालांकि आरोपी सैनिक जितेंद्र मलिक को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।आर्मी चीफ ने मामले में कहा कि अगर जितेंद्र के खिलाफ सबूत मिलते हैं और पुलिस उसे आरोपी स्वीकार करती है तो जितेंद्र को उनके हवाले कर दिया जाएगा। हम पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे। 3 दिसंबर को स्याना इलाके के चिंगरावठी गांव में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध और गांव के युवक सुमित की मौत हुई थी।
बुलंदशहर हिंसा में आरोपी नंबर 11 जितेंद्र मलिक यानी जीतू फौजी को सेना की टीम लेकर जम्मू-कश्मीर से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो चुकी है. जीतू को यूपी लेकर आ रही टीम के साथ सेना का एक मेजर भी मौजूद है.
इस बीच, सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा है कि यदि जितेंद्र मलिक के खिलाफ कोई सबूत पाया जाता है और पुलिस उसे संदिग्ध मानती है तो हम उसे पुलिस के समक्ष पेश करेंगे. हम इस मामले में पुलिस की पूरी मदद करेंगे.
बता दें कि सेना ने अभी तक यूपी पुलिस को जीतू को हैंडओवर नहीं किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक सेना यूपी में ही जीतू फौजी को राज्य पुलिस के हवाले करेगी. यूपी एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक सेना के अफसरों का कहना है कि घाटी में जवानों पर हमला हो रहा है. लिहाजा पुलिस के साथ आर्मी की टीम भी आरोपी को घाटी से बाहर निकालेगी.
बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और पुलिस पर हमला करने के मामले में दर्ज एफआईआर में जीतू फौजी का नाम भी शामिल है. जीतू फौजी जम्मू-कश्मीर में सेना में सिपाही के पद पर तैनात है. पुलिस को कुछ आरोपियों से पूछताछ में पता चला था कि गोली जीतू फौजी ने चलाई थी.
जीतू जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आर्मी की 22 राजस्थान राइफल्स में तैनात है. शुक्रवार रात से बुलंदशहर पुलिस के साथ यूपी एसटीएफ की टीम जम्मू-कश्मीर में है. आर्मी यूपी एसटीएफ को पूरा सहयोग कर रही है. जीतू को आर्मी पुलिस टीम को सौंपेगी और साथ में ही लेकर बुलंदशहर पहुंचेगी.
बता दें कि जीतू का एफआईआर में नाम दर्ज है. पूछताछ में ही इस बात का खुलासा होगा कि
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को महज हादसा करार दिया। उन्होंने दावा किया कि यूपी में मॉब लिंचिंग जैसी कोई घटना नहीं हुई।
गोकशी के शक में भड़की थी हिंसा
बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के शक में हिंसा फैली थी। आरोप है कि इसकी अगुआई बजरंग दल के नेता योगेश राज ने की थी। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर योगेश की शिकायत पर गोकशी की है। इसमें सात लोगों के नाम हैं। वहीं, दूसरी एफआईआर हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में दर्ज की गई है। इसमें 27 के नाम हैं, 60 से ज्यादा अज्ञात हैं। अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उप्र में मॉब लिंचिंग की कोई घटना नहीं हुई। बुलंदशहर की घटना एक हादसा है और कानून अपना काम कर रहा है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यूपी में गोहत्या प्रतिबंधित है।’ -सीएम योगी (मीडिया हाउस के कार्यक्रम में)