शादियों में बैंडबाजा नाचना-गाना शरियत के खिलाफ,मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लिया फतवे पर बड़ा फैसला,निकाह, मस्जिदों इमामबारगाह दरगाहों में हो सम्पन्न,जश्न में हो सिर्फ महफ़िल,वक़्फ़खोरो शराब जुआ खेलने वालों को पहले समझाया जायेगा ना मानने पर होगा अब सामाजिक बॉयकॉट

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तहलका टुडे टीम

लखनऊ-सेव वक़्फ़ इंडिया की मुहिम पर आधुनिक शादियों और बैंड बाजों के प्रयोग पर पाबंदी को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं का मंथन शुरू हो गया है. सेव वक़्फ़ इंडिया की मुहिम पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे शरिया कानून के हिसाब से गलत बताया है. उन्होंने शादियों में महिला और पुरुषों के नाचने गाने को भी वर्जित बताया.
लखनऊ,कानपुर बाराबंकी,अयोध्या,प्रयागराज में मुस्लिम समाज में हो रही आधुनिक शादियों और बैंड बाजों के प्रयोग पर पाबंदी को लेकर सेव वक़्फ़ इंडिया की मुहिम के तहत मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मंथन किया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे शरिया कानून के हिसाब से गलत बताया है. उन्होंने शादियों में महिला और पुरुषों के नाचने गाने को भी वर्जित बताया. इस पर पाबंदी लगाने के लिए सेव वक़्फ़ इंडिया की पहल पर लखनऊ में धर्मगुरुओं ने बैठक कर इस पर रोक लगाने के लिए गंभीर विचार विमर्श किया गया है.

दरअसल, लखनऊ बाराबंकी रायबरेली,बरेली,देवबंद,अयोध्या वाराणसी, में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरूओं की एक बैठक हुई, जिसमें समाज में व्याप्त नशा, शराब, सहित तमाम खामियों और कमियों को दूर करने पर विचार विमर्श किया गया. इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा शादी विवाह एवं अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों में होने वाले खर्चों की रही. बताया गया कि शरिया कानून के तहत शादी विवाह सादगी के साथ किए जाने चाहिए. इसमें परिवार के सदस्य मौजूद रहें और दोनों पक्ष सहमति से परिजनों के साथ सहभोज कर विवाह संपन्न कराएं, लेकिन बीते सालों में शादी विवाह में सामूहिक भोज, बैंड -बाजा, डीजे और अन्य चलन शुरू हो गए. इसमें लाखों रूपए का खर्च होता है.

मुस्लिम धर्मगुरूओं का मानना है कि इन सबके बिना भी शादियां हो सकती हैं. ऐसे में फिजूलखर्च न करके परिवार की संपत्ति को बचाया जा सकता है और नव विवाहित जोड़े के भविष्य के लिए उस पैसे का उपयोग किया जा सकता है.अयोध्या के वसीका अरबिक कॉलेज के मौलाना नदीम रजा ज़ैदी ने बताया कि कई बार दूसरे से कॉम्पटीशन के चक्कर में लोग कर्ज लेकर शादियों में धूमधाम करते हैं और कर्ज के बोझ के तले परिवार का मुखिया दब जाता है . जिसका पारिवारिक स्थिति पर काफी बुरा असर पड़ता है.

मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंक़लाबी ने कहा नोटबंदी के बाद से हालात और भी ज्यादा बुरे हैं. धर्मगुरुओं ने बताया कि बैठक में अभी सुझाव लिए गए हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है.

सेव वक़्फ़ इंडिया के वाईस प्रेसिडेंट सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा ने कहा वक़्फो के अवैध कब्जे हटाने और वक़्फो के बचाने की मुहिम की समाज मे जागरूकता फैलने के मिशन में अब महंगी शादियां,बैंड बाजा बंद करने,के साथ शराब जुआ और समाज को बर्बाद करने वाले कामो पर रोक के लिये जल्द ही नदवा देवबंद,बरेली,फिरंगी महल के साथ आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद और 1200 मकतबों के बोर्ड तंज़ीमुल मकतिब के सेक्रेटरी और रहबरे हिन्द हुज्जातुल इस्लाम मौलाना सैयद सफ़ी हैदर साहब किबला समेत कई आलिमो इस संबंध में बैठक और मश्विरा करके पूरी गाइड लाइन जारी की जायेंगी।

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