सऊदी अरब की ज़ालिम हुकूमत ने किया शियाओ का नरसंहार, हिंदुस्तान में आफताबे मिल्लत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने उठायी इस ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़,जुमे के बाद हुआ प्रदर्शन, दिया गया UNO को ज्ञापन

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लखनऊ 26 अप्रैल; सऊदी अरब में अल्पसंख्यकों पर जारी अत्याचार, विशेष रूप से शियों के नरसंहार और श्रीलंका में हुये आतंकवादी हमले के खिलाफ आज आसिफी मस्जिद मे नमाज़े जुमा के बाद मौलाना कलबे जवाद नकवी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन का आयोजन मजलिसे ओलमाए हिंद की तरफ से किया गया। प्रर्दशन में ओलमा के साथ बडी संख्या में लोगों ने भी भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रर्दशन में सऊदी अरब के आतंक के खिलाफ नारे लगाये और श्रीलंका मे हुये आतंकी हमले की निंदा भी की। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से सऊदी अरब में शियों के नरसंहार की जांच कराने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये मौलाना कलबे जवाद नकवी ने कहा कि “जिस तरह से सऊदी अरब में शियों का नरसंहार किया जा रहा है वह निंदनीय हैं। संयुक्त राष्ट्र को उनके खिलाफ एक सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि अल्पसंख्यकों और शियों को उनके अधिकार मिल सकें।

मौलाना ने श्रीलंका में हुये आतंकी हमले की भी सख्त शब्दों में निंदा की और कहा कि दाईश के आतंकियां ने कहा है कि ’हमने न्यूजीलैंड में मुसलमानों पर आतंकवादी हमलों का बदला लिया है’, दरअस्ल ये बयान इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ है।
इस्लाम में किसी के गुनाह की सज़ा किसी बेगुनाह को नहीं दी जा सकती, यह लोग इस्लाम के नाम पर इस्लाम को ही बदनाम कर रहे है,हकीकत ये है कि इनका कोई धर्म नहीं है। मौलाना ने कहा कि आज दुनिया मे हर तरफ शियों का नरसंहार हो रहा है, हाल ही में, पाकिस्तान में हज़ारा शियों को कत्ल किया गया, अफगानिस्तान में शियों को मारा जा रहा है, सऊदी अरब में लगातार शियों का नरसंहार किया जा रहा है। मौलाना ने आगे कहा कि श्रीलंका में हुये हमले की जिम्मेदारी आई0एस0आई0एस0 ने स्वीकार की है और आई0एस0आई0एस0 को सऊदी अरब का स्पष्ट समर्थन प्राप्त है। दुनिया मे जहॉ कहीं भी आतंकवाद है उसके पीछे अमेरिका, इजरायल और उसके खरीदे हुये गुलाम देश एवं आले-सऊद हैं। मौलाना ने कहा कि ईरान पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं क्योंकि ईरान ने उनकी गुलामी को स्वीकार नहीं किया है। यदि भारत इजरायल और अमेरिका के दबाव में आकर ईरान से व्यापारिक संबंध खतम करता है तो दुनिया भर में ये पैग़ाम जायेगा कि भारत भी पाकिस्तान और सऊदी अरब की तरह इजरायल और अमेरिका का गुलाम है। हम अपने देश की सरकार से अपील करते हैं कि वे ईरान के साथ अपने संबंधों को जारी रखें और अमेरिका एवं इजरायल के दबाव में न आए।ं
विरोध में, मौलाना मुराद रज़ा, मौलाना रज़ा हुसैन और मौलाना हबीब हैदर ने भी सऊदी अरब में शियों के नरसंहार की निंदा की और श्रीलंका में आतंकवादी हमलों की भी निंदा की। प्रर्दशन में डॉ0 हैदर मेहदी, मौलाना फ़िरोज़ हुसैन, मौलाना ज़व्वार हुसैन, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना हसन जाफ़र, मौलाना सरकार हुसैन,आदिल फराज़,इमरान नक़वी और अन्य विद्वानों और ओलमा ने भी भाग लिया।प्रदर्शनकारियों ने अंत में मोहम्मद बिन सलमान, डोनाल्ड ट्रम्प और नेतनयाहु की तस्वीरों को आग में जला कर अपने गुस्सा का इज़हार किया।

प्रर्दशन के बाद प्रमुख मॉगें संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को ज्ञापन के साथ भेजीं गईं ।
1. सऊदी अरब में शिया संप्रदाय के नरसंहार पर तुरंत काबू करते हुये सऊदी सरकार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये ।
2. सऊदी अरब, जो दुनिया भर में फैले आतंकवादी संगठनों को वित्त सहायता दे रहा है, इस लिये उसे एक आतंकवादी देश मानकर वैश्विक बहिष्कार किया जाये।
3. श्रीलंका में आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आई0एस0आई0एस0 ने स्वीकार की है, जिसकी मदद सऊदी अरब करता रहा है, इस लिये सऊदी अरब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये।

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