“न कमीशन, न कट, न करप्शन”; केवल किसानों के हितों के “प्रोटेक्शन और प्रमोशन” को समर्पित है मोदी सरकार-मुख्तार अब्बास नकवी, “प्रधानमंत्री किसान संवाद कार्यक्रम” रामपुर में किया खिताब

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तहलका टुडे टीम

रामपुर (यूपी), वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि “न कमीशन, न कट, न करप्शन”; केवल किसानों के हितों के “प्रोटेक्शन और प्रमोशन” को समर्पित है मोदी सरकार।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 9 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में “पीएम-किसान सम्मान निधि” के अंतरगर्त 18 हजार करोड़ रूपए हस्तांतरित किये जाने के सम्बन्ध में रामपुर (यूपी) के धमोरा के कृषि विज्ञान केंद्र में “प्रधानमंत्री किसान संवाद कार्यक्रम” में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि गांव, गरीब, किसान का सशक्तिकरण मोदी सरकार की प्राथमिकता है।

श्री नकवी ने कहा कि “कान्सप्रेसी का संदूक, किसानों के कंधे पर बंदूक” रख कर “पिटे हुए पॉलिटिकल प्लेयर्स” कुछ किसानों में “भय-भ्रम का भूत” खड़ा करने की साजिश कर रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए लाये गए कृषि बिल, जनता द्वारा नकार दिए गए कुछ राजनैतिक दलों को हजम नहीं हो रहे हैं। किसान के “क” और खेती के “ख” से अनजान ये राजनैतिक दल किसानों को भ्रमित करने की साजिश में लगे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर मोदी सरकार संवेदनशील है। सरकार ने पूरी गारंटी दी है कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) हटेगा, न तो मंडियां खत्म होंगी और न ही किसानों की जमीन पर किसी तरह का खतरा है। ज्यादातर किसान इस बात को समझ गए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हितों के लिए अभूतपूर्व कदम उठाये हैं। 2013-14 में कृषि के लिए बजट आवंटन 21 हजार 933 करोड़ रूपए था जिसे 2020-21 में मोदी सरकार ने बढ़ा कर 1 लाख 34 हजार 399 करोड़ रूपए कर दिया है। 22 करोड़ 57 लाख किसानों को “सॉइल हेल्थ कार्ड” वितरित किये गए हैं।
“प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” के तहत अब तक किसानों को लगभग 96,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। कई फसलों की एमएसपी भी बढ़ा दी गई है। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रूपए बढ़ाकर 1975 रूपए; जौ का 75 रू बढ़ाकर 1600 रू; चने का 225 रू बढ़ाकर 5100 रू; मसूर का 300 रू बढ़ाकर 5100 रू; सरसों का 225 रू बढ़ाकर 4650 रू; कुसुम का 112 रू बढ़ाकर 5327 रू प्रति क्विंटल कर दिया गया है| जहाँ 2009-14 के दौरान यूपीए के समय धान और गेंहू के लिए एमएसपी भुगतान 3 लाख 74 हजार करोड़ रूपए था, वहीँ 2014 से 2019 के दौरान एनडीए की सरकार ने 8 लाख करोड़ रूपए एमएसपी के रुप में भुगतान किया।
श्री नकवी ने कहा कि 2013-14 में खाद्यान उत्पादन 265.05 मिलियन टन रहा जो कि वर्ष 2019-20 में बढ़कर रिकॉर्ड वृद्धि के साथ 296.65 मिलियन टन हो गया। “पीएम फसल बीमा” का लाभ लगभग 7 करोड़ किसानों को दिया गया है और इसके अंतरगर्त 87 हजार करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान किया गया है; मोदी सरकार द्वारा 10,000 नये फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन पर 6,850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। “आत्मनिर्भर भारत” पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ रूपए दिए गए हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करना है।
श्री नकवी ने कहा कि कृषि सुधार कानून से अब किसानों को अपने फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी मिलेगी और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्ति मिलेगी। किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे किसानों को उनके उत्पाद की भरपूर कीमत मिल सकेगी। खरीददार किसानों को धोखा नहीं दे पाएंगे।
श्री नकवी ने कहा कि किसानों की पहुँच अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि उपकरण एवं उन्नत खाद-बीज तक होगी। किसानों को 3 दिन में भुगतान की गारंटी मिलेगी। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम मिलेंगे। देश भर में किसानों को उपज बेचने के लिए “वन नेशन वन मार्किट” की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा।

 

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