तहलका टुडे टीम
लखनऊ, 29 नवंबर: पाकिस्तान के पाराचिनार में शियों के नरसंहार और लगातार हो रही आतंकी घटनाओं के खिलाफ आज लखनऊ की ऐतिहासिक आसिफी मस्जिद में ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन मजलिस उलेमा-ए-हिंद की अगुवाई में आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। जुमे की नमाज़ के बाद हुए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार, उसकी सेना और तालिबानी आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र से पाराचिनार के शियों को सुरक्षा प्रदान करने की अपील की।
भारत की सुप्रीम रिलिजियस अथारिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी का सख्त मजम्मती बयान
मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा, “पाकिस्तान सरकार शियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है। अफसोस की बात यह है कि पूरी दुनिया इस नरसंहार पर चुप है।” उन्होंने मुस्लिम समुदाय और खासतौर से मौलवियों की खामोशी पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जो लोग फिलिस्तीन के मजलूमों के लिए आवाज़ उठाते हैं, वे पाराचिनार के शहीदों के लिए क्यों खामोश हैं? यह दोहरा मापदंड अब खत्म होना चाहिए।
“https://youtu.be/mSnNelDakPE?si=nCBsWu-fzfBqQAuS
मौलाना ने स्पष्ट किया कि तकफीरी विचारधारा के चलते शियों का नरसंहार किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, “सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हमले यह साबित करते हैं कि तालिबानी आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है।”
उन्होंने पाकिस्तान में महिलाओं और बच्चों की हत्याओं को यज़ीदी विचारधारा का प्रतीक बताते हुए कहा कि जब मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो वे दूसरों पर हो रहे अत्याचार का विरोध करने का नैतिक अधिकार नहीं रखते।
अन्य मौलानाओं ने भी उठाई आवाज़
मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने कहा कि “पाकिस्तान में शियों का सुनियोजित नरसंहार हो रहा है, जिसे अब रोका जाना चाहिए। पाकिस्तानी सरकार शियों के खून में डूबी हुई है, और इसका अस्तित्व ही अत्याचार पर टिका हुआ है।”
मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी ने कहा कि “संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों को इस नरसंहार पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और पाकिस्तान सरकार व सेना को जिम्मेदार ठहराते हुए ठोस कदम उठाने चाहिए।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन में कई गणमान्य हस्तियों की भागीदारी
इस विरोध प्रदर्शन में लखनऊ के कई प्रमुख उलेमा शामिल हुए, जिनमें मौलाना फैज़ अब्बास मशहदी, मौलाना मंज़र आरफी, मौलाना फिरोज़ हुसैन ज़ैदी, मौलाना शाहिद हुसैनी, मौलाना काज़िम अब्बास खान और आदिल फ़राज़ प्रमुख थे। प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से अपना आक्रोश व्यक्त किया और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
प्रदर्शन के अंत में मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मानवाधिकार संगठनों से पाराचिनार में हो रहे अत्याचारों को रोकने और वहां के शियों को सुरक्षा प्रदान करने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि “अगर यह नरसंहार नहीं रोका गया, तो मानवता का सिर झुकेगा।”
यह विरोध प्रदर्शन लखनऊ के लोगों के दृढ़ संकल्प और पीड़ितों के लिए उनके समर्थन का प्रतीक बन गया। प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इंसाफ के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी।