मुंबई : भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने विशेष अदालत में कहा कि वह बैंकों का कर्ज लौटाना चाहते थे, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया।
इस समय माल्या यूके में हैं और उनपर बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। अपने वकील के माध्यम से माल्या PMLA कोर्ट में जज एमएस आजमी के सामने ईडी के एक ऐप्लिकेशन का जवाब दे रहे थे।
ईडी ने अदालत से मांग की थी कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए। माल्या ने अपने जवाब में कहा, ‘पिछले 2-3 वर्षों से हम बैंकों को कर्ज लौटाने की कोशिश कर रहे थे। बैंकों को रुपये लौटाने की प्रक्रिया शुरू करने के बावजूद हर कदम पर ईडी ने बाधा खड़ी की।’
माल्या ने ईडी की याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में लगातार यूके प्रशासन का साथ दे रहे हैं और कोर्ट का भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। माल्या के जवाब में यह भी कहा गया कि ईडी की यह याचिका और संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास जनता और राष्ट्र के हितों के विपरीत है।
माल्या ने कहा, ‘ऐसी परिस्थितियों में यह कहना पूरी तरह से गलत है मैंने भारत आने से इनकार किया। मैं जहां रहता हूं वहां के कानून का साथ दे रहा हूं। ऐसे में मुझे भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं घोषित किया जाना चाहिए।’
गौरतलब है कि यूके में माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई पूरी हो गई है और 10 दिसंबर को इसपर फैसला सुनाया जाना है। माल्या ने मांग की कि यूके में प्रत्यर्पण पर फैसला आने तक यह सुनवाई टाल दी जाए।
इस बीच सोमवार को ईडी ने कई पार्टियों द्वारा दी गई याचिका पर अपना पक्ष रखा। जज ने कहा कि हस्तक्षेप याचिका पर आदेश के बाद माल्या को भगोड़ा घोषित करने की याचिका पर सुनावाई होगी।
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