मुंबई । घरेलू पेट्रोलियम कंपनी इंडियन आयल कॉरपोरेशन ने अपनी शोधन क्षमता को दोगुना करने, पेट्रोकैमिकल के उत्पादन को बढ़ाने, गैस कारोबार के विस्तार तथा नई पाइपलाइन बिछाने के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी के चेयरमैन संजीव सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी की योजना कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में बदलने की अपनी क्षमता को 2030 तक 15 करोड़ टन सालाना करने की है। अभी यह क्षमता 8.07 करोड़ टन है। फिलहाल देश में कुल 23 तेल रिफाइनरियों में से 11 का स्वामित्व और परिचालन के पास है।
सिंह ने कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा, देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी होने तथा ऊर्जा के विविध पोर्टफोलियो में प्रमुख खिलाड़ी होने के नाते खुद के तथा अधिग्रहण के जरिये विस्तार के सभी अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी कामकाज के एकीकरण रणनीतिक विविधीकरण के जरिये वृद्धि के अवसर तलाशेगी। इसके अलावा कंपनी मूल्यवर्धन वाले शोध क्षेत्रों पर भी ध्यान देगी।
उन्होंने कहा कि इसी के तहत 32,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा 1.43 लाख करोड़ रुपए की और परियोजनाओं के क्रियान्वयन की योजना बनाई जा रही है। सिंह ने कहा कि शोधन क्षमता को 2030 तक दोगुना करने की योजना के तहत अनुषंगी चेन्नई पेट्रोलियम कॉरपोरेशन
की नई रिफाइनरी तथा प्रस्तावित रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लि. के अलावा अधिग्रहणों के जरिये विस्तार शामिल है। रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत ग्रीनफील्ड रिफाइनरी एवं पेट्रोरसायन परिसर बना रही है। इसकी क्षमता छह करोड़ टन सालाना की होगी।