सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव
बाराबंकी : पत्रकारो को लूटने वाले और बर्बाद करने वाले अधिकारी और माफिया हमेशा एक्टिव रहते है और खासकर बाराबंकी और लखनऊ ज़िले में,इसी क्रम में मेयो हॉस्पिटल ने पत्रकार नीरज श्रीवास्तव को ना सिर्फ मार डाला बल्कि लाश देने में भारी रकम लेकर लूट कर सबको हैरान कर दिया।
इस दर्दनाक हादसे से दुखी पत्रकारो की दिली ख्वाहिश थी नीरज के परिवार और बच्चों की कुछ मदद हो जाय,
इसी धुन में जुटे पत्रकार प्रेम अवस्थी ने ये बीड़ा उठाया।
और मदद मिली बाराबंकी के ही हर दिल अज़ीज़ मिलनसार नेता जो अब बछरांवा से विधायक है राम नरेश रावत से
जो बाराबंकी की अवाम में मक़बूल है और लोग भी इन्हें बेहद चाहते है,
बाराबंकी भाजपा के खाऊ कमाऊ नेताओ के काकस का शिकार हो गये थे,लेकिन अपनी सलाहियत से बछरावां के विधायक बन गये।ये भी नीरज से बेहद लगाव रखते थे।
इन दोनों ने पूरा मामला मुख्यमंत्री योगी के समक्ष रखा ,
Cm योगी ने आज नीरज के विधवा शिखा और बच्चों अविका और आरव को लखनऊ कालिदास मार्ग आवास पर बुला कर पूरी बात सुनी और शोक संवेदना के साथ बच्चों को दुलारा और बिस्कुट खिलाया।
मुख्यमंत्री ने मामले की जांच व आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय है की सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के ग्राम बरदरी निवासी पत्रकार नीरज श्रीवास्तव 28 अगस्त को नीरज श्रीवास्तव बैंक में केसीसी बनवाने के लिए गए थे। जहां पर शाखा प्रबंधक ने उनसे अभद्रता की । एक महिला अधिकारी का नाम लेकर धमकाया भी। इससे दुखी होकर नीरज ने केसीसी न बनवाने की बात उच्चाधिकारियों को लिख कर भेजी थी। अभद्रता व मानसिक उत्पीड़न से परेशान नीरज की तबीयत खराब हो गई।
दो सितंबर को लखनऊ के गोमती नगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां 10 सितंबर को मौत हो गई। नीरज की कोरोना जांच निगटिव आई थी। इस मामले में सीडीओ के निर्देश पर उप कृषि निदेशक एके सागर ने जांच की है। जांच में बैंक शाखा प्रबंधक ने अपने बयान में कहा कि उनसे बातचीत के चलते नीरज को कोई परेशानी नहीं हुई बल्कि कोविड-19 के कारण उनकी मौत हुई है। अब मामला मुख्यमंत्री के पास पहुंचा है ऐसे में परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है।