तहलका टुडे टीम
दिल्ली-लाहौर पाकिस्तान में 1952 में पैदा हुआ हसन रज़ा गदीरी अब फ़र्ज़ी आयतुल्लाह बन कर हिंदुस्तान में अपना नेटवर्क फैला कर अराजकता और खुराफात कर देश की गंगा जमुनी तहजीब में ज़हर घोलने की तैयारी कर चुका है।इस पाकिस्तानी मुल्ला के नेटवर्क पर देश की खुफिया एजेंसी खामोश तमाशाई बनी है।
और बने भी क्यों ना इस फ़र्ज़ी आयतुल्लाह को भारत बुलाने में अहम भूमिका निभाने वाला भाजपा नेता और गवर्नर लाल जी टंडन का खास मौलाना थाली के बैगन के नाम से मशहूर यासूब अब्बास का खास हाथ माना जा रहा है।
पुलवामा कांड में शहीद हुए 40 सैनिको का गम का ज़ख़्म अभी देश की जनता का भरा भी नही था।खतीब अकबर मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर की बरसी में इस पाकिस्तानी मुल्ला को आयतुल्लाह बना कर पेश कर अयोधया बाराबंकी में भी खुराफाती लोगो को इकट्ठा कर नेटवर्क बना कर देश मे एक नई खुराफात का आगाज़ किये जाने की तैयारी की नींव डाली जा रही हैं।
बगैर liu और iB की जानकारी में डाले हुए चुपचाप अयोधया और बाराबंकी का दौरा भी करा दिया गया।
पंजाब पाकिस्तान के मुफ़्ती मुजामिल हुसैन का ये पुत्र 1952 में पाकिस्तान के लाहौर में पैदा हुआ।
ईरान कुम में तालीम हासिल करने के बाद वहां कज़ावत (अदालती कामो) में मुंतखब हुआ। चंद सालों मे ही ये जनाब सरकारी उमूर को बैरूनी एजेन्सीज़ को लीक करने लगे थे।
इनकी हरकतों को जब ट्रेस किया गया तो मालूम हुआ मियां इज़रायल की एजेंसी मोसाद तक पहुंच रखते हैं, बाकी लंदन एम आई सिक्स के लोगो से पाकिस्तान में आकर मुलाक़ात करते हैं।
इन्होंने कज़ावत के दौरान, शोहदा ईरान, मदाफे हरम और ना जाने कितने ही क्रिमिनल्स को बा इज्जत बरी कर दिया जिसके बाद कुम की उल्मा काउंसिल ने इन्हे वहां से निकाल दिया। ये वहां से निकलते ईरान हुक़ूमत मुखालिफ हो गए और अपने आक़ा सादिक शिराज़ी की जानिब से लंदन में इनके तमाम चैनलों के हेड इंचार्ज भी हो गए। ये खुद बहुत सा टीवी शो कर के सुन्नियों के अंदर शिया मजहब को कट्टर सोच का साबित करतें हैं जिसके लिए इन्हे लाखो पाउंड मिलतें हैं।
साथ ही साथ ये, इराक़ में अल्लमा हाफ़िज़ बशीर नजफि से मिलने की कोशिश करते रहें हैं। लेकिन अफ़सोस, इनकी पोल खुल चुकी हैं। दाएश के ज़माने में इराक़ छोड़ कर बैठ गए और लंदन से दाएश के ख़िलाफ़ एक जुमला भी ना बोला।
पिछले साल इराक़ की अवाम ने इनकी हरकतों की बिना पर इन्हे वहां से खदेड़ा भी जा चुका है। इराक से निकाला गया अब लंदन में शरण लिया।
यहाँ से पूरी दुनिया मे नेटवर्क फैलाने के लिए कई संस्थाओ का स्वयम्भू अध्य्क्ष बन गया।अहलेबैत tv का नेटवर्क बना कर मुसलमानो में इस्राईल के इशारे पर काम करने लगा।
भारत मे अपना नेटवर्क बनाने के लिए शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का स्वम्भू कमाण्डर मौलाना यासूब को पटाया और उसके ज़रिये खतीब अकबर मिर्ज़ा मोहमद अतहर साहब की मजलिस पड़ने लंदन से लखनऊ आया।
यहाँ उसने आसपास ज़िले बाराबंकी अयोध्या बनाया जो शरपसंद टाइप के हैं।
1200 मकतबों के बोर्ड तंज़ीमुल मकातिब गोलागंज भी हसन रज़ा गदीरी अपना नंबर बढ़ाने पहुच गया।अपने चमचो से फ़ोटो भी खिंचवाए और शो ये करवाया की इतना बड़े इंडिया का इदारा उनका सम्मान कर रहा हैं जबकि हकीकत ये थी कि अचानक बेहया बनकर यहाँ पहुच गया
सूत्रों के मुताबिक यहाँ की किताबें देखी ।तंज़ीम के आलिमे दीनो की शराफत कहिये की यहाँ आने वाले को धक्का मारकर नही भगाया जाता। लेकिन बाद में यहाँ से खामोशी की बेरुखी और लाहौल बिला कूवत को भाँपकर चला गया जो चर्चा का विषय बन गया।
सूत्रों की माने हिंदुस्तान के अल्लामा ज़मीर नक़वी के बराबर भी ये फ़र्ज़ी आयतुल्लाह किताबे नही लिख पाया हैं।
खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं।अब इसकी हर हरकतों पर और इसको शरण देने वालो पर कड़ी नजर रक्खे हैं।आने वाले दिनों में कड़ी कारवाई की तैयारी की जा रहीं हैं