नई दिल्ली । पेट्रोल-डीजल की अनियंत्रित हो चुकीं कीमतों में राहत की उम्मीद पाले बैठे लोगों के लिए एक बुरी खबर है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में इस साल एनर्जी प्राइसेज में इजाफे की बात कही है। यह इस बात का संकेत है कि इस साल भी क्रूड ऑयल में उबाल देखने को मिलता रहेगा जिसकी वजह से भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी जारी रहेंगी।
क्या कहा वर्ल्ड बैंक ने?
एनर्जी कमोडिटी जैसे कि तेल, नेचुरल गैस और कोयले की कीमतें बढ़ना जारी रहेंगी और इस साल इसमें 20 फीसद का उछाल देखने को मिल सकता है। एनर्जी प्रोडक्ट्स की कीमतों में इस इजाफे का नकारात्मक असर भारत जैसे देश पर भी पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत प्रमुख एनर्जी कमोडिटी के लिए पूरी तरह से आयात पर ही निर्भर है।
न पालें पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीद: ब्रोकिंग फर्म कार्वी कमोडिटी के हेड रिसर्च डॉ. रवि सिंह ने बताया वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में जो चिंताएं जाहिर की हैं उन्हें सही माना जा सकता है। वर्ल्ड बैंक की इस चिंता को इन चार कारणों से सही माना जा सकता है..
- लगातार बढ़ रहे जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण क्रूड की कीमतों में उबाल जारी है और यह थमने का नाम नहीं ले रहा है।
- ओपेक देशों ने जो दिसंबर 2018 तक प्रोडक्शन कट का फैसला किया है उससे क्रूड की कीमतों में उबाल आ रहा है।
- रुस और ओपेक देशों से तेल का एक्सपोर्ट कम हो रहा है, जिसकी वजह से इन्वेंटरी कम हो रही हैं, जो क्रूड की कीमतों को थमने नहीं दे रही हैं।
- अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। हाल फिलहाल ने बीते 13 महीनों के निचले स्तर को भी पार कर लिया था।
इन चारों कारणों के मद्देनजर फिलहाल भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों में किसी बड़ी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हां अगर जियो पॉलिटिकल टेंशन में अगर थोड़ी नरमी दिखाई देती है तो इसकी उम्मीद की जा सकती है।
कहां तक जा सकता है क्रूड?
डब्ल्यूटीआई क्रूड 68.26 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 74.35 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। डॉ रवि सिंह ने बताया कि हाल फिलहाल में डब्ल्यूटीआई क्रूड 72 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 76 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छू सकता है। बीते कई दिनों से क्रूड की कीमतों में तेजी जारी है और इसके थमने के भी कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।
अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से मिल सकती है राहत: अगर पूछा जाए कि ऐसा क्या हो जो भारत के नागरिकों को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत दे सकता है तो ऐसा दो प्रमुख कारणों के चलते हो सकता है।
- अगर रुपया मजबूत होता है तो ऐसा संभव हो सकता है। रुपया अगर 64 के आस पास आ जाता है तो देश के नागरिकों को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिल सकती है।
- वहीं अगर किसी सूरत में जियो पॉलिटिकल टेंशन कम हो जाती है तो यह भी भारत में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में नरमी लाने के लिए काफी होगी।