मदरसा अफज़लुल उलूम में जल्सा व तालीमी मुजाहिरा में 40 बच्चो की दस्तार बंदी
मदारिस देश के तहफ्फुज, बका,भाईचारे ,मोहब्बत और एकता की जमानत हैं: मौलाना जकरया संभली
तहलका टुडे टीम
नगराम/लखनऊ दुनिया में तरक्की करना है कुरान को सीखना,पढ़ना और समझना चाहिए,साइंस के सभी फार्मूले इसी की देन है,देश दुनिया में शांति स्थापित करने वाली इस कुरानी किताब के मोजिजात को दिल में हिफ्ज कर इंसानियत के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के तारीखी कस्बे में इल्म की रौशनी घर घर पहुंचाने की नियत से मौलाना फैजान नदवी साहब की कोशिशों से मदरसा अफजलुल उलूम ब्रांच नदवतुल उलामा में करोना काल में 40बच्चो ने हिफ्जे कुरान कर एक इतिहास रचा इनके सम्मान के लिए जलसा दस्तादबंदी व तालीमी मुजाहरे का इनइकाद किया गया, जिसकी सदारत मौलाना जकरया साहब संभली शेखुल हदीस नदवतुल उलामा ने की, और निजामत मदरसा के मोहतमिम मुफ्ती निसार अहमद कासिमी नदवी ने की।
जलसे का आगाज कारी उबैदुर्रहमान की तिलावत से हुआ। इस के बाद मदरसा का तराना मोहम्मद अमीन, मोहम्मद अरमान, मोहम्मद उवैस ने पेश किया। मदरसा अफजलुल उलूम नगराम का मशहूर व मारूफ मदरसा है जिसमें हर साल हुफ्फाज किराम फारिग होते हैं। कोरोना जैसे हालात में भी 40 बच्चों ने कुरआन शरीफ का हिफ्ज मुकम्मल किया है जिनकी मौलाना जकरया संभली साहब के हाथों दस्तारबन्दी अमल में आई। और उन को तौसीफी सनद से भी नवाजा गया।
इस मौके पर तलबा ने मुकालमा और मुख्तलिफ उनवानात पर उर्दू, अरबी तकारीर पेश कीं। इस मौके पर मौलाना जकरया साहब ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने जो कारनामा अंजाम दिया है वो मदारिसे इस्लामीया की शक्ल में है और यही मदारिस मिल्लते इस्लामीया के तहफ्फुज व बका की जमानत हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि मदारिस इस्लामीया में मजीद अच्छा काम हो जिस के लिए हमें मदारिस इस्लामीया की जुमला जरूरियात पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने हुफ्फाज किराम को मुखातब करते हुए कहा कि कुरआन हिफ्ज करना आसान है लेकिन इस को ता हयात बाकी रखना असल चैलेंज है। लिहाजा हमें चाहिए कि हम अहेद करें कि इस को इंशाअल्लाह हमेशा अपने सीनों में महफूज रखेंगे।
मदरसे के मोहतमिम ने तालीमी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा अल्हम्दुलिल्लाह मदरसा के दीगर तमाम शोबों की तरह शोबा दावत व इरशाद और तालीम बालिगान का सिलसिला भी सरगर्म अमल है। इस के अलावा मदरसा ही के अंतर्गत खवातीन की तालीम व तरबियत के लिए हफ्त रोजा नशिस्त मर्कज इस्लाह व तरबियत बराये खवातीन के उनवान से होती है जिनकी इलमी सैराबी के लिए वक्तन फवक्तन दारूल उलूम नदवतुल उलमा से अकाबरीन तशरीफ ला रहे हैं और इस निजाम में एक सुनहरे बाब का उस वक्त मजीद इजाफा हुआ जब दारूल उलूम नदवतुल उलमा के मोहतमिम हजरत मौलाना डा0 सईदुर्रहमान आजमी नदवी के मषवरे पर छोटी छोटी बच्चियों की दीनी तालीम और अक़ायद की दुरूस्तगी के लिए मदरसा बी-बी अजरा लिल-बनात का क़याम अमल में आया। चंद साल कब्ल हजरत मौलाना सय्यद मोहम्मद राबे हसनी नदवी और हजरत मौलाना वाजेह रशीद हसनी नदवी र0 की दुआओं के साथ मदरसा बी-बी अजरा लिल बनात का बाकायदा इफ्तिताह भी अमल में आया था। फिलहाल मदरसा में तकरीबन 100 तालिबात जेरे तालीम हैं। प्रोग्राम में शामिल दारूल उलूम नदवतुल उलमा के उस्ताज तफसीर मौलाना मोहम्मद सलमान नसीम नदवी ने अपने खिताब में कहा मदारिस कुरआन पाक के तहफ्फुज का जरिया हैं, कुरआन के तकद्दुस का इस बात से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताब कुरआन ही है। मौलाना कमाल अखतर ने तालीमी मुजाहरा करने वाले तलबा को मुबारकबाद पेश की साथ ही उन्होंने मदरसा के बानी मौलाना मोहम्मद फैजान नगरामी नदवी को भी मुबारकबाद पेश करते हुए कहा मदरसा अपनी पूरी तवानाई के साथ तरक्की के रास्ते पर गामजन है।
इस मौका पर मदरसा के नाजिम मौलाना मोहम्मद फैजान नगरामी नदवी ने खानवाद-ए-नगराम को खिराजे अकीदत पेश की और प्रोग्राम में शरीक तमाम महमानों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा मदरसे से सैकड़ों बच्चे दीनी तालीम हासिल करके नगराम का वकार बुलंद कर रहे हैं। इखतितामी दुआ मौलाना जकरया संभली ने कराई। इस मौके पर मौलाना जफरूद्दीन नदवी, हसन मतीन नगरामी, मोहम्मद इमरान नगरामी, चेयरमैन नगराम, मोहम्मद सुफियान नगरामी के अलावा बड़ी तादाद में उलमा और मुकामी लोग भी मौजूद थे।