कोहिमा: नगालैंड को राज्य का दर्जा मिले 54 साल होने है और राज्य विधानसभा के चुनाव 12 बार संपन्न होने के बावजूद राज्य में अब तक कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई है. राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को होंगे और परिणामों की घोषणा तीन मार्च को की जाएगी. इस बार 60 सदस्यीय विधानसभा में 195 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से केवल पांच महिलाएं हैं.
वेदिइ-यू क्रोनू और मंगयांगपुला ‘नेशनल पीपुल्स पार्टी’ (एनपीपी) के टिकट से क्रमश: दिमापुर-तृतीय और नोकसेन विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, राखिला तुएनसांग सदर-द्वितीय सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं. अवान कोन्याक नवगठित ‘फनेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी’ (एनडीपीपी) से अबोई सीट से चुनाव मैदान में हैं जबकि रेखा रोज दुक्रू चिझामी विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
सत्तारूढ़ नगालैंड पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने इस बार किसी भी महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. एनपीएफ के अध्यक्ष शुरहोझिली लिझित्सू ने हाल में कहा था, ‘पार्टी में किसी भी महिला ने चुनाव लड़ने में रुचि नहीं दिखाई.’ राखिला को छोड़कर चार अन्य महिला उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा उम्मीदवार राखिला पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक लकीउमोंग की पत्नी हैं. लकीउमोंग का वर्ष 2006 में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. राखिला तुएनसांग सदर-द्वितीय सीट से पिछला चुनाव लगभग 800 वोटों से हार गई थी.
एनडीपीपी उम्मीदवार अवान कोन्याक चार बार विधायक रहे नेयिवांग कोन्याक की बेटी हैं, जिनका हाल में निधन हो गया था. उन्होंने कहा, ‘महिलाएं हर दिन समाज में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं. उनकी समस्याओं की आमतौर पर अनदेखी की जाती है. मैं लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं.’
महिला उम्मीदवारों का स्वागत करते हुए नगालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने कहा कि पिछले चुनाव में महिला उम्मीदवारों की संख्या दो से बढ़कर इस बार पांच हो गई हैं.