सांसद विधायक हाथ पर हाथ धरे बैठे ,ज़िले की 25%आबादी के लिए आ रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बगैर भेदभाव के केंद्र सरकार की करोड़ो की योजनाओं से भी दूरी बनाकर नही जीत पा रहे है अल्पसंख्यको के दिल
तहलका टुडे टीम /सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा
बाराबंकी-केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की देवा महादेवा की सरज़मी बाराबंकी की तरक्की के लिए खज़ाना खोलने का सिलसिला जारी है। कारोना काल मे दुनिया में देश का नाम रौशन करने वाले शायर खुमार बाराबंकवी और हॉकी खिलाड़ी के डी सिंह बाबू ने जिस गवर्मेन्ट कॉलेज में की थी तालीम हासिल उसके जीर्णोद्धार की ठान कर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 5 करोड़ 39 लाख 95 हजार रुपये की योजना की मंजूरी दी थी जिसमे से 1 करोड़ 61 लाख रुपये की पहली किस्त शासन ने जारी कर दी,इसको लेकर पुराने छात्रों और शिक्षकों में खुशी देखी जा रही है।
मालूम हो अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा पूर्व में नगर पालिका नवाबगंज ,नगर पंचायत जैदपुर,ब्लॉक मसौली ,सतरिख समेत कई नगर पंचायत और ब्लॉकों में अल्पसंख्यक बस्तियों में पानी की टंकी और सड़क स्कूलों के निर्माण के साथ कई तरक्की याती कार्य किये गये है। और वही कई योजनाएं जिनमे कोचिंग,नई रोशनी,सीखी कमाओ,बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति योजना,मदरसा आधुनिकीकरण,अल्पसंख्यक छात्र वृत्ति योजना, कौशल किशोर योजना के अलावा वक़्फ़ संपत्तियों के विकास और उनकी तरक्की के साथ अल्पसंख्यक बेरोजगारों के लिए कारोबार करने के लिये ऋण योजना में हज़ारो लोगो को फायदा मिल चुका है।और सबसे बड़ी बात ये है की इसमें किसी तरह का भेदभाव भी नही किया गया। कुछ दिनों में अन्य योजनाओ का खजाना भी खुलने जा रहा है, हमारी धरोहर योजना में बाराबंकी की कई ऐतिहासिक इमारतों का भी जीर्णोद्धार होना तय है।
जानकरों के मुताबिक पिछले 15 सालों में लोगों ने कॉन्वेंट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने में रुचि दिखाई और किसी ने सरकारी कॉलेज की ओर ध्यान नहीं दिया। साल 2019 में यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा भी जर्जर कॉलेज की हालत देखने आए थे और हालात देखकर प्रपोज़ल मांगा था। हालांकि, फिर भी पैसे आवंटित नहीं हुए थे।
इसके बाद ज़िला प्रशासन ने काफी लेट लतीफी के बाद बड़े जोर दबाव में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम से कॉलेज की बिल्डिंग के अपग्रेडेशन का प्रोपोज़ल भेजा था
जिले में अंग्रेजी शासन के दौरान साल 1904 में निर्मित शहर में एक मात्र राजकीय इंटर कॉलेज है। इसके बाद पिछले 30 से 50 सालों में अन्य तहसीलों में 17 इंटर कॉलेज बनाए गए थे। स्थानीय वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र वर्मा ने बताया कि कॉलेज 1990 तक विद्यालय का प्रबंधतंत्र ठीक था लेकिन धीरे-धीरे अफसरों और नेताओं की उदासीनता के चलते इसका जीर्णोद्धार नहीं हो सका और न ही अन्य सरकारी विद्यालय का निर्माण होने लगा।और यहाँ चुनाव का स्टेशन बना दिया गया,
जनप्रतिनिधियों द्वारा दी जाने वाली निधि कभी इस विद्यालय को नहीं मिली। शिक्षा का स्तर गिरता गया और इसे व्यावसायिक बना दिया गया।
सोशल ऐक्टिविस्ट और वरिष्ठ समाजसेवी चिंतक बीपी दास महंत ने कॉलेज परिसर में बने खेल के मैदान में प्रदर्शनी और सांस्कृतिक गतिविधियों के विरोध में आरटीआई भेजी थी। इसमें कोई साफ जवाब नहीं मिला और मार्च 2020 में इसकी लोक सूचना अधिकार में प्रथम अपील की थी जिसमें कोई अधिकारी सामने नहीं आया। इस विद्यालय के परिसर को पढ़ाई-लिखाई की जगह प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्थान बना दिया गया था, जिसका कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है।
कॉलेज में विज्ञान विषय के वरिष्ठ शिक्षक बीपी निगम का कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग काफ़ी जर्जर हो चुकी थी। इसमें काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। सरकार ने स्कूल के जीर्णोद्धार का पैसा आवमुक्त किया है, जिससे बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा, मानसिक विकास बिजली, पानी, स्मार्ट क्लॉस जैसी अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिसकी अति आवयश्कता थी।
सरकार द्वारा निर्माण कार्य की राशि मिलने के बाद लगभग 3 लाख आबादी वाले शहर के बीच स्थित सैकड़ों वर्षों से उपेक्षित एक मात्र इंटर कॉलेज में जल्द तकनीकी सुविधाओं से लैस होने की उम्मीद जागी है।
जिसके लिये अवाम में खुशी है और वो ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,पीएमओ कार्यालय के साथ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का शुक्रिया अदा कर रहे है।