मिनिमम सपॉर्ट प्राइस में बढ़ोतरी, अच्छी बारिश से चमकेगा सोना

कोलकाता ।  मोदी सरकार के द्वारा पिछले दिनों खरीफ फसलों के मिनिमम सपॉर्ट प्राइस में बढ़ोतरी और देश में हुई अच्छी बारिश से गोल्ड ट्रेड से जुड़े लोगों को साल की दूसरी छमाही में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। साल के शुरुआती 6 महीनों में गोल्ड की मांग कम रही। हालांकि,2017 की दूसरी छमाही की तुलना में इस साल की दूसरी छमाही में बिक्री में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।

जानकारों की माने तो इस ग्रोथ में रूरल इंडिया की बड़ी हिस्सेदारी रहेगी। देश में सालाना 800-850 टन गोल्ड की खपत होती है, जिसमें ग्रामीण भारत की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया, पूरे देश में बारिश हुई है,

जो खरीफ फसलों के लिए काफी अच्छी है। इससे गोल्ड ट्रेड को भी फायदा होगा। हम 15 अगस्त से डिमांड बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर अधिक बारिश से फसल बर्बाद नहीं हुई तो इस साल की दूसरी छमाही में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में गोल्ड की डिमांड में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। एमएसपी बढ़ने से किसानों के हाथ में अधिक कैश आएगा।

इस महीने से शुरू हो रहे मार्केटिंग सीजन 2018-19 के लिए 14 खरीफ फसलों का एमएसपी सरकार ने बढ़ाया है। साल 2017-18 की तुलना में इस सीजन में 14 फसलों में से 7 के दाम में 20 प्रतिशत या इससे अधिक की बढ़ोतरी हुई है। खरीफ फसलों में सबसे लोकप्रिय धान के एमएसपी में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2017-18 में धान का एमएसपी 1,550 रुपये प्रति क्विंटल था,जो 2018-19 में 1,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। ग्रामीण इलाकों में सोना एक संपति के हिसाब से खरीदा जाता है।

खंडेलवाल ने बताया कि अभी अमीर निवेशकों और किसानों की तरफ से इसकी मांग कमजोर बनी हुई है। उन्होंने कहा,हालांकि, शादियों के लिए मध्य वर्ग की तरफ से लगातार गोल्ड की खरीदारी हो रही है। हाल ही में प्रकाशित वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मिड-इयर आउटलुक 2018 रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की पहली छमाही में गोल्ड पर तीन बातों का असर हुआ। पहला अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना, दूसरा निवेशकों का अधिक जोखिम वाले प्रोडक्ट्स में पैसा लगाना और तीसरा,

फिजिकल गोल्ड की कमजोर मांग। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, गोल्ड के दाम में हाल में आई गिरावट से इसकी मांग को सपॉर्ट मिलेगा।वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने बताया कि जब भी गोल्ड की कीमत कम होती है, जूलरी की खरीदारी बढ़ जाती है।निवेशकों के लिए भी गोल्ड आकर्षक लेवल पर ट्रेड कर रहा है।

उसने कहा कि ग्लोबल ग्रोथ के अनियमित होने, ट्रेड वॉर और करंसी पर उसके असर के साथ महंगाई दर में बढ़ोतरी से 2018 की दूसरी छमाही में गोल्ड को सपॉर्ट मिल सकता है। गोल्ड के दाम पिछले एक महीने में 2.4 प्रतिशत गिरे हैं और अभी इसमें 29,970 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर ट्रेडिंग हो रही है।

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