नई दिल्ली । राहुल गांधी को ही गठबंधन का नेता बनाने की पैरवी करने वाली कांग्रेस ने ४८ घंटों के भीतर ही अपना स्टेण्ड बदल लिया है। पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को किसी भी दल के पीएम से परहेज़ नहीं है बशर्ते वह आरएसएस का न हो। कांग्रेस सूत्रों ने साफ कहा है
कि फिलहाल ध्येय बीजेपी सरकार को हटाना है और सभी विपक्षी दल इस पर साथ हैं। जब जीत जाएंगे तभी पीएम चुनने की बात आएगी। दरअसल कांग्रेस के रुख में यह बदलाव महागठबंधन के कुछ घटकों द्वारा राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने पर अनिच्छा जाहिर करने बाद आया है।
क्या मायावती या ममता पीएम के तौर पर कांग्रेस को मान्य होंगी? इस पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि जो पीएम आरएसएस का न हो वो स्वीकार है और ये दोनों निश्चित रूप से आरएसएस के नहीं हैं। कांग्रेस 2019 में जीत के लिए भी आश्वस्त है। उसका साफ मानना है कि उत्तर प्रदेश-बिहार के रास्ते ही सरकार बनती है
और वहां गठबंधन की तस्वीर साफ है। अगर 270 से कम सीटें आती हैं तो बीजेपी के अंदर ही नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर स्वीकार्य नहीं होंगे। बीजेपी के अपने सहयोगी जैसे शिवसेना और टीडीपी छिटक गए हैं। फिर ये बीजेपी से सीधी लड़ाई है। आरएसएस के लिए ज़रा भी जगह नहीं छोड़ी जाएगी।