परिवार को बनाने में महिला का सबसे अहम किरदार होता है -मौलाना जाबिर जौरासी

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“हजरत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा वा मासूमीन के बताए हुए उसूल पर फैमिली तैयार करने से समाज से हर तरह के जुल्म का खात्मा होगा और जिंदगी जन्नत की तरह होगी “

सरवर अली रिज़वी

बाराबंकी । हजरत फा़तिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा वा मासूमीन के बताए हुए उसूल पर फैमिली तैयार करने से समाज से हर तरह के जुल्म का खा़त्मा होगा और ज़िन्दगी जन्नत की तरह होगी ।फ़ैमली को बनाने में औरत का सबसे अहम किरदार होता है यह बात आली जनाब मौलाना सै. जाबिर जौरासी साहब क़िबला ने मौलाना ग़ुलाम असकरी हाल में अल- मुअम्मल कल्चरल फाउंडेशन की तरफ से एक सिंपोजियम ” फैमिली लाइफ और हज़रत फ़ातिमा ज़हरा” स. अ.के मौक़े पर कही । सिंपोजियम की शुरुआत तिलावते कलाम पाक से हुई इसके बाद फाउंडेशन के सरपरस्त डॉ . मौलाना एहतेशाम उल हसन साहब क़िबला ने फाउंडेशन का मुख़्तसर तआर्रूफ़ पेश किया । इसके बाद उलमा ए किराम व मोअज़्ज़ज़ शख्सियात जिसमें से मौलाना मूसी रजा , मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी , मौलाना इब्ने अब्बास साहब ने शहजादी की निगाह में एक कामयाब घरेलू जिंदगी गुजारने के रास्ते से बाख़बर किया ।
खतीब ए कादिर मौलाना सैयद मोहम्मद जाबिर जौरासी साहब किबला ( संपादक मासिक इस्लाह ) ने भी हजरत फा़तिमा ज़हरा स.पर तकरीर करते हुए कहा कि एक फैमिली को बनाने के लिए बुनियादी तौर पर तीन चीजें जरूरी होती हैं 1-, शौहर , 2-बीबी , 3 – औलाद, और इसमें अहम किरदार औरत का होता है ,और फिर कामयाब घराने के लिए दो बातें जरूरी हैं ।1- एक दूसरे के हुकूक को पहचाने, 2- फराएज़ और जिम्मेदारियों को अदा करें । और हजरत फा़तिमा ज़हरा स. ने दुनियां के लिए और लोगों के लिए अपने अमल से एक मुकम्मल कामयाब घराने की मिसाल पेश की जो रहती दुनिया तक हम सबके लिए नमूनये अमल है। और यकीनन अगर शहजादी और मासूमीन के बताए हुए उसूल पर फैमिली तैयार की जाए तो समाज से हर तरह के जुल्म का खात्मा होगा और फिर जिंदगी जन्नत की तरह होगी । इसके बाद फाउंडेशन की तरफ से चलने वाले तरबियती क्लासेज की स्टूडेंट ख़्वाहर यासमीन ज़हरा , ख्वाहर आफरीन फातिमा और ख़्वाहर तन्ज़ीम फातिमा ने भी शहजादी की सीरत को नमूने अमल बताया और टीचर्स और फाउंडेशन के जिम्मेदारों का शुक्रिया अदा किया सिंपोजियम को जारी रखते हुए शायरे अहले बैत जनाब रजा मौरान्वी,मुसव्विर ज़ैदपुरी , अजमल किन्तूरी, डा.मुहिब रिज़वी व मौलाना साबिर अली इमरानी ने रसूल की बेटी हजरत फातिमा जहरा की बारगाह में मंजूम नज़रानये अकी़दत पेश किया ।
इसी अजीमुश्शान सिंपोजियम के बीच आयतुल्लाहिल उजमा सैयद मुर्तजा फिरोजाबादी की लिखी हुई किताब “फ़जा़इले मुर्तुज़ा दर सिहाए सित्ता ” का उलमा ए किराम और दूसरी मुअज़्ज़ज़ शख्सियतों के हाथों इजरा हुआ । और इन्हीं की लिखी हुई एक किताब “फजा़यले ज़हरा दर सिहाहे सित्तह ” से किताब ख़्वानी मुकाबले में शिरकत करने वालों में सही जवाबात देने वालों के बीच कुरा के जरिए 3 लोगों को बड़े इनामात और दूसरे शिरकत करने वालों को नींज़ सिंपोजियम में हाजिर होने वालों को भी कुरा के ज़रिये उम्दा इनामात तकसीम किए गए। निजामत के फराइज मौलाना सैयद मिन्हाल हैदर जैदी ने अदा किए सिंपोजियम के आखिर में मौलाना मूसी रजा़ साहब ने हाज़रीन , मुकाबले में शिरकत करने वालों के अलावा सिंपोजियम के मुहतमिम व मददगार जनाब अयाज़ हैदर , डॉ . हसन , हसन सज्जाद जै़दी , हसन जहीर का शुक्रिया अदा किया । सिंपोजियम में बड़ी तादाद में मोमिनीन के अलावा उलमा ए किराम और शख्सियात, मौलाना अलमदार हुसैन, तन्ज़ीम हैदर , सिराज अहमद, हिलाल अब्बास, मोहम्मद मुज़तबा , साहिबान व मो अज़्जिज़ शख्सियात ने शिरकत की ।

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