शहीद जनरल कासिम सुलैमानी, अबू मेहंदी अल-मोहनदिस और उनके सहयोगियों की इराक में हुई शहादत पर अमेरिका के खिलाफ लोगों में गमो गुस्से का माहौल
तहलका टुडे टीम
लखनऊ, -अमेरिका के आतंकवादी और कायराना हमले में मारे गए ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलैमानी और कताईब हिजबुल्ला के कमांडर अबु मेंहदी अल मुहनदिस और उसके साथियों की इराक मे हुई शहादत के खिलाफ आज लखनऊ के छोटे इमामबाडे में विरोध प्रदर्शन और मजलिस का आयोजन हुआ।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि शहीद का खून कभी नहीं व्यर्थ नही जाता, वह दिन दूर नहीं है जब अमेरिका, सऊदी अरब, इजरायल और उनके सभी गुलाम देश इस शहीद के खून में डूब कर खत्म हो जाएंगे। मौलाना ने कहा कि जनरल कासिम सुलैमानी आतंकवादियों के लिए एक खतरा थे और हमेशा उत्पीड़ितों के लिए सिपर की तरह रहे। उनूहों ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी तो फिर उनहें किस जुर्म मे मारा गया ? जाहिर है कि वही लोग उनको मारना चाहते थे जो आतंकवाद का संरक्षण कर रहे हैं।
मौलाना ने अपने बयान में कहा कि जनरल कासिम सुलैमानी आतंकवादी ताकतों के खिलाफ लड़ रहे थे जो न केवल इराक, यमन, सीरिया और अन्य देशों में अपनी खिलाफत का परचम लहराना चाहती थीं , बल्कि भारत और अन्य देशों पर भी कब्जा करने का इरादा रखते थे, इसलिए भारत में उनकी शहादत पर जोरदार प्रदर्शन होने चाहिएं।मौलाना ने अमेरिकी हमले की कडी निंदा की और जनरल कासिम सुलैमानी के कारनामों को बयान किया।
मौलाना मुहम्मद मियां अबीदी ने अपने बयान में कहा कि दुनिया में जहां भी आतंकवादी घटनाएं होती हैं, उनकी योजना अमेरिका और इजरायल में ही बनाई जाती है। जनरल कासिम सुलैमानी हमेशा मज़लुमों के लिये लडते रहे,इस लिये ज़ालिम ताकत ने जनरल कासिम सुलैमानी और उसके साथियों को शहीद कर दिया।
मौलाना सईद अल-हसन नकवी ने अपने बयान में कहा कि जनरल कासिम सुलैमानी ने अपना पूरा अस्तित्व मानवता के लिए समर्पित कर दिया था, जो कुछ भी उन्होंने किया वह सिर्फ शिया कौम के लिए नहीं था। उन्होंने हमेशा गलत और ज़ालिम लोगों के खिलाफ लडाई लडी। मौलाना ने कहा कि आज पूरी दुनिया में कुछ पूंजीपति हैं और ये वे लोग हैं जो पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं इसलिए उनसे सावधान रहें। अमेरिकी राष्ट्रपति खुद एक पूंजीपति हैं और वह पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पूंजी खर्च कर रहा है।
मौलाना सैयद रज़ा हैदर ने अपने बयान में कहा कि जनरल कासिम सुलैमानी ने पूरी दुनिया की रक्षा की है क्योंकि जनरल कासिम सुलेमानी की योजना और रणनीति की वजह ही से जब आई0एस0आई0एस0 सीरिया और इराक के बाद दूसरे देशों में जाने की योजना बना रहा था उस पर लगाम लगाई गई और फिर उसका खातमा होगया। यदि ऐसा नहीं हुआ होता, तो आई0एस0आई0एस0 के आतंकवादी दुनिया भर में प्रवेश कर जाते।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद पारचा ने कहा कि इमाम हुसैन अ0स0 के मानने वालों की पहचान यह है कि वह उत्पीड़न,जुल्म और आतंकवाद के खिलाफ कभी चुप नहीं रहते। इसलिए हमें भी इस अत्याचार के खिलाफ चुप नहीं रहना है। मौलाना कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में दिल्ली में अमेरिका और इजरायल दूतावासों पर भी प्रदर्शन होगा।
इस प्रदर्शन मौलाना फ़िरोज़ हुसैन, मौलाना तनवीर अब्बास, डॉ0 हैदर मेहदी, मौलाना निसार अहमद ज़ैनपुरी, मौलाना मनज़र अली आरफी और अन्य ओलमा ने भी खिताब किया। जलसे के बाद, प्रदर्शनकारी उलेमा के नेतृत्व में छोटे इमामबाडे के बाहर प्रदर्शन करते हुए आये। इमामबाड़ा के बाहर सड़क पर, प्रदर्शनकारियां ने अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब के खिलाफ नारे लगाए। उनके हाथों में शहीद जनरल कासिम सुलैमानी, कमांडर अबू मोहम्मद अलमुहंदिस, और अयातुल्ला सैयद अली खामेनई और अयातुल्ला सैयद अली सिस्तानी के फाटो भी थे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन अमेरिका और इजरायल को आतंकवादी देश घोषित करें क्योंकि वैश्विक स्तर पर जो आतंकवाद हो रहा है वह अमेरिका और इजरायल और उसके लोगों के माध्यम से हो रहा है। प्रदर्शन के अतं में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का पुतला भी जलाया गया।
प्रदर्शन में मौलाना रज़ा इमाम,मौलाना मौ0 मुसा,मौलाना रज़ा हुसैना,मौलाना एजाज़ हैदर,मौलाना इफतिखार मेहदी,मौलाना तसनीम मेहदी,मौलाना मनज़र अब्बास,मौलाना मौ0 इबराहीम,मौलाना जव्वार हुसैन,मौलाना सरकार हुसैन,मौलाना शबाहत हुसैन, और अन्य ओलमा ने भाग लिया।
वहीं बाराबंकी मेें गुलाम अस्कारी हाल और कर्बला सिविल लाइन में मजलिस का आयोजन हुआ जिसमें
मौलाना रजा हैदर ने कहा जो क़ौमें लाशे उठाने से थकती नहीं वही सर उठा के जीती हैं ।
मौलाना रजा ने आगे कहा मज़लूमों के मसीहा थे जनरल क़ासिम।राहे हक़ में दी गई क़ुरबानी बेकार नहीं जाती ।जो बाशऊर होते है वो शहादत की तमन्ना रखते हैं।जब कोई शहीद होता है तो उस मुल्क व क़ौम की तरक़्की होती है।
शहादत देने वालों की शिकस्त नहीं होती।आख़िर में करबला के दर्दनाक मसाएब पेश किए ।
कर्बला में खतीबे आहलेबैत अयान हैदर ने खिताब किया।
बादे मजलिस दुआ व पुरसा देने के साथ साथ रहबरे ईरान और शहीदों की हिमायत में लब्बैक कहकर जालमीन की मुख़ालिफ़त का अहेद लिया गया।ताजियती जलसे को इमामे जूमा मौलाना मोहम्मद.रज़ा ज़ैदपुरी,मौथरी इमामे जुमा मौलाना इब्ने अब्बास,मौलाना हिलाल अब्बास, अम्मार हैदर,मौलाना.सिराज अहमद, मौजूद थे।