मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार बनने से बौखलाए लखनऊ के कुत्तों की हरकतों से तड़प गया उत्तर प्रदेश मानवधिकार आयोग,बच्चे की मौत पर अध्यक्ष न्यायमूर्ति बाल कृष्ण नारायण ने लिया संज्ञान,प्रकरण को अति गंभीर करार देते हुए नगर आयुक्त को स्वयं जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का दिया आदेश

Breaking News CRIME Latest Article उत्तर प्रदेश ज़रा हटके देश लखनऊ

तहलका टुडे टीम

लखनऊ :ठाकुरगंज में कुत्तों के काटने से हुई मासूम की मौत का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान। लेते हुए प्रकरण को अति गंभीर करार देते हुए नगर आयुक्त को स्वयं जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश देकर अपने वजूद का इजहार कर हड़कंप मचा दिया है।

मानव धिकार आयोग ने दैनिक समाचार पत्र “दैनिक जागरण” के के लखनऊ संस्करण में प्रकाशित समाचार शीर्षक “ठाकुरगंज में कुत्तों ने मासूम को मार डाला, बहन की हालत गंभीर ” का अवलोकन कर प्रकाशित समाचार के अनुसार अध्यक्ष न्यायमूर्ति बाल कृष्ण नारायण ने आदेश देते हुए कहा ठाकुरगंज के मुसाहिबगंज में बुधवार शाम आदमखोर कुत्तों ने छह वर्षीय रजा और चार साल की उसकी बहन जन्नत फातिमा पर हमला बोल दिया। कुत्तों ने दोनों को नोच-नोचकर अधमरा कर दिया। लोग दोनों मासूमों को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर लेकर पहुॅचे। वहां रजा को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि जन्नत फातिमा की हालत गंभीर बताई जा रही है। लोगों का कहना है कि लंबे समय से यहां कुत्तों का आतंक है। नगर निगम में कई बार शिकायत की गई, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। कुछ साल पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने एक याचिका पर आवरा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नाराजगी जताई थी तथा उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग, लखनऊ द्वारा भी लगभग 2 साल पहले जनेश्वर मिश्रा पार्क में आवारा कुत्तों के द्वारा वहां लोगों के टहलने जाने पर काटे जाने की घटना पर नगर निगम को इस प्रकार की घटनाओं पर रोकथाम एवं कार्यवाही करने हेतु आदेश दिये गये थे। यह प्रकरण प्रथम दृष्टया मानवाधिकार के हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतीत होता है। प्रकरण अति आवश्यक एवं अत्यंत गंभीर है। मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 एवं अधिनियम के अन्य सुसंगत उपबन्धों में अन्तर्विष्ट विधि में प्रदत्त शक्तियों एवं उद्देश्यों के प्रयोग में, आयोग द्वारा इस प्रकरण को स्वप्रेरणा से संज्ञान में लेना उचित, युक्तियुक्त, प्रासंगिक, समीचीन, विधि एवं न्यायहित में ईष्टकर होगा। तद्नुसार प्रकरण की तात्कालिकता (Urgency) एवं गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए, आयोग द्वारा इस प्रकरण को प्रसंज्ञान में लिया जाता है।

उपर्युक्त प्रकरण के सम्बन्ध में नगर आयुक्त, नगर निगम, लखनऊ को निर्देशित किया जाता है कि वह प्रकरण की स्वयं अपने स्तर से जांच कर, अपनी आख्या आयोग के समक्ष एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

पत्रावली 18 अप्रैल को अग्रिम सुनवाई हेतु आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए

वही घायल मासूम बच्ची का हालचाल लेने ट्रामा सेंटर पहुचकर महापौर संयुक्ता भाटिया और जोन-6 की जोनल अधिकारी बिन्नो अब्बास रिज़वी ने जन्नत फातिमा के परिजनों से की मुलाकात।दिया दिलासा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *