क़ुदरत के कहर पर कांग्रेस के प्रवक्ता तनुज पुनिया ने उगला ज़हर?

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रिज़वान मुस्तफ़ा
बाराबंकी -कुदरत का कहर हैं?इसलिये नही की वो वोटर भाजपा के थे। और उनको सज़ा मिली हैं।ऐसा नही है की वो कांग्रेस के वोटर थे,जिसको भाजपा सरकार में सज़ा मिल रही है।ये तो कुदरत का निज़ाम हैं,तबाही बर्बादी को सिर्फ नेक काम से ही रोका जा सकता हैं ऐसा बुज़ुर्ग और रहबर कहते आये है।इसमें किसी पार्टी का या किसी इंसान का दखल नही होता।
कुदरत के कहर पर सियासत करने निकले कांग्रेस के कोई छोटे मोटे नेता नही बल्कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और IIT रुड़की से इंजीनिअर तनुज पुनिया ने आज योगी और मोदी की ऐसी की तैसी कर किसानों से सिम्पैथी लेने की पुर ज़ोर कोशिश करते हुए कहा देश के अन्नदाता की पीडा का एहसास कांग्रेस पार्टी को है तेज हवाओ के साथ बेमौसम बारिश ने किसानो की सरसो, आलू, चना और अफीम की फसल को भारी नुकसान पहुंचाकर बर्वादी की कगार पर पहुंचा दिया है। जिला प्रशासन बारिश से हुयी किसान के फसल के नुकसान का सर्वे कराकर फसल बीमा योजना के अन्र्तगत नुकसान का मुआवजा दे और अफीम के लाइसेन्स धारको को परते में छूट देकर उनके लाइसेन्स को बरकरार रखा जाये।

मसौली में आयोजित चैपाल में तनुज पुनिया ने किसानो की बर्वाद फसल का मुआवजा दिये जाने की जोरदार मांग करते हुये कहा कि देश की मोदी तथा प्रदेश की योगी सरकार का किसान भाईयो से कोई लेना देना नही है महीनो की उनकी मेहनत से पैदा की गयी फसलो को छुट््टा जानवर खा रहे है और दिन रात जागकर जो फसल उसने बचाई थी पहले हुयी ओला वृृष्टि ने और बाद में तेज हवाओ के साथ हुयी बारिश ने उसे तबाह कर दिया। आज किसानो के चेहरे पर फसल नष्ट होने की मायूसी है सरकार और प्रशासन अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास करे ओर किसान की हकीकत में हुयी बर्वादी को नजअंदाज न करके राजस्वकर्मियो का स्पष्ट निर्देश देकर अन्नदाता के नुकसान का आंकलन कर उसे तत्काल फसल बीमा के अन्र्तगत मुआवजा उपलब्ध कराकर राहत प्रदान करे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दैवीय आपदा से बर्वाद हुयी फसल का मुआवजा इस देश के अन्नदाता का हक है और सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है जब किसान की फसल का बीमा है और उसका बेमौसम बारिश तथा ओले से नुकसान हुआ है तो बीमा कम्पनी के सर्वेयर नुकसान का आंकलन करके मुआवजा दे। तनुज पुनिया ने कहा कि जनपद में अफीम की खेती नगदी फसल है जिसका लाइसेन्स और उत्पादन के साथ किसान को परते की शर्त के हिसाब से अफीम देनी होती है और अफीम का पौधा बहुत नाजुक होता है इन तेज हवाओ ने पानी के साथ अफीम की खेती जब तबाह कर दी है तो सरकार किसान की परते की शर्त में ढील देकर उनके लाइसेन्स बरकरार रखे।
विकास खण्ड मसौली में आयोजित चैपाल में मुख्य रूप से अब्दुल वली, राजेन्द्र वर्मा, श्रवण कुमार वर्मा, महेन्द्र पाल वर्मा, रामतीर्थ यादव, राम सिंह वर्मा, अमरेश यादव, मदन मोहन वर्मा, हरी प्रसाद, अमरेन्द्र कुमार, पंकज कुमार, राजेश कुमार, जयपाल रावत, अजय यादव, फूलचन्द शुक्ला विजय यादव विमल चैधरी, कैलाश मौर्या इन्दर गुप्ता पुत्तन चाचा, रईश बीडीसी, राम प्रसाद यादव, रघुराज रावत, राम कुमार वर्मा, अमरेश कुमार यादव, रामराज चैधरी दिनेश कुमार वर्मा शम्सुद््दीन, नौमी लाल वर्मा, अरविन्द वर्मा प्रधान, अजय वर्मा, डा0 गनेश शर्मा, हरीश चन्द्र वर्मा सहित सैकडो की संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

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