नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने देश में सहकारी क्षेत्र को सुधारने की वकालत करते हुए कहा कि सिर्फ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा देने से ही किसानों की बदहाली दूर नहीं होगी।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बेहतर बनाने तथा किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य मिलना सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हम कृषि उत्पादों का महज 20 प्रतिशत ही प्रसंस्कृत कर पाते हैं जबकि विकसित देश और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश 80 प्रतिशत कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण करते हैं।
सिर्फ एमएसपी बढ़ाने से किसानों को फायदा नहीं होगा। हमें सहकारी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण सहकारिता को पुन: सक्रिय करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि सहकार भारती के संरक्षक मराठे को पिछले ही महीने रिजर्व बैंक का अंशकालिक निदेशक बनाया गया है।