मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से देश के निजी सेक्टर के बैंक कोटक महिंद्रा को सेबी के मानदंडों को पूरा नहीं करने पर फटकार लगाई गई है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने पिछले दिनों जो स्टेक सेल की थी, वह रेग्युलेटरी नॉर्म्स को पूरा नहीं करती है।
महिंद्रा कोटक ने इसी महीने की 2 तारीख को प्री-पेच्युअल नॉन क्यूमलेटिव प्रिफरेंस शेयर्स (पीएनसीपीएस) जारी करते हुए बैंक से अपनी व्यक्तिगत हिस्सेदारी को बेच दिया था। कोटक के इस कदम से बैंक में उनकी हिस्सेदारी 20 फीसदी से कम हो गई है। इस प्रक्रिया पर केंद्रीय बैंक ने आपत्ति जताई थी।
महिंद्रा बैंक की ओर से आरबीआई के पास एक रेग्युलेटरी फाइलिंग भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि पीएनसीपीएस जारी किए जाने से रेग्युलेटर की प्रमोटर होल्डिंग में कमी की शर्त पूरी नहीं होने की बात आरबीआई की ओर से उठाई गई है। लेकिन इक्विटी डाईल्यूशन से रेग्युलेटरी शर्त पूरी हो रही है।
बैंक की ओर से बताया गया है कि बैंक की ओर से सभी शर्तों को पूरा कर लिया गया है और इस संबंध में आरबीआई को भी सूचित किया जा रहा है। बैंक के फाउंडर उदय कोटक की बैंक में हिस्सेदारी 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दी गई थी| प्रिफरेंशियस शेयर जारी किए जाने से पहले बैंक में उनकी हिस्सेदारी 30.03 फीसद थी। कोटक महिंद्रा बैंक ने 500 करोड़ के प्रिफरेंस शेयर जारी किए थे।
बैंक ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा था कि 500 करोड़ रुपये के पीएनसीपीएस जारी किए जाने के बाद बैंक के पास मौजूदा पेड-अप कैपिटल 953.16 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,453.16 करोड़ रुपये हो गई है। पीएनसीपीएस जारी करने के बाद, प्रमोटर होल्डिंग पेडअप पूंजी की में भी 19.70 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
यह कदम हालांकि 31 दिसंबर, 2018 को आरबीआई की ओर से जारी किए गए मानकों को पूरा करने के संबंध में किया गया है। गौरतलब है कि आरबीआई ने प्राइवेट सेक्टर के बैंकों से प्रमोटर होल्डिंग 31 दिसंबर 2018 तक घटाकर 20 फीसदी और 31 मार्च 2020 तक 15 फीसदी तक लाने का निर्देश दिया है। इसी के तहत उदय कोटक ने अपनी हिस्सेदारी घटा ली है।