नई दिल्ली । क्रूड ऑइल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर भारत ने अब तेल उत्पादक देशों को चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो उन्हें दाम घटाने होंगे या फिर डिमांड में कमी के लिए तैयार रहना होगा। भारत ने ओपेक देशों से कहा है कि उन्हें दाम घटाना शुरू करना होगा या फिर खरीद में कमी के लिए तैयार रहना होगा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की ओर से चेतावनी का संकेत देते हुए इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि जिस तरह से बीते दो से ढाई महीनों में तेल के दाम बढ़े हैं, यदि ऐसा ही रहा तो भारतीय उपभोक्ता विकल्पों की तलाश करेंगे।
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की महंगाई के चलते भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वीकल्स और गैस जैसे विकल्पों की ओर देखेंगे क्योंकि ये कम महंगे साबित होगें। ऐसे में 2025 तक भारत की प्रतिदिन 10 लाख बैरल तेल की खपत रिप्लेस हो जाएगी।
सिंह ने कहा, डिमांड को कीमतों से अलग करके नहीं देखा जा सकता. खासतौर पर भारत जैसे देश में जहां कीमतों को लेकर खासा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा, कीमतों में इजाफे से आपको शॉर्ट टर्म में मांग में कमी नहीं दिखेगी, लेकिन ऐसा ही रहा तो लॉन्ग टर्म में जरूर इसका असर दिखाई देगा।
विदित हो कि लीबिया, वेनेजुएला और कनाडा की ओर से उत्पादन में कमी के चलते बीते कुछ दिनों क्रूड की कीमतों में 5 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है।