मुंबई । “शतरंज के खिलाड़ी, निशांत, आक्रोश, स्पर्श, मिर्च मसाला, अलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है, जुनून, मंडी, अर्द्ध सत्य, जाने भी दो यारो और अ वेडनसडे जैसी कालजयी फिल्मों समेत करीब 200 फिल्मों में काम करने वाले वरिष्ठ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि आज उद्देश्यहीन फिल्में बनाई जा रही हैं।
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि बॉलीवुड में बीते कुछ समय से बनाई जा रही फिल्मों से मन भर गया है। यहां जारी माउंटेन इकोज साहित्य उत्सव के दौरान एक सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, इस समय बनाई जा रही सभी फिल्मों में आपको कुछ भी मौलिक, रचनात्मक, सोचने या सवाल पूछने पर मजबूर करने वाला नहीं मिलेगा।
सब कुछ निरर्थक है। उन्होंने कहा इस स्थिति ने मुझे गहराई से निराश किया है। वह उन फिल्मों से खुद को दूर रख रहे हैं, जो उत्साहित नहीं करती हैं। शाह ने कहा मुझे नहीं लगता कि मैं इस तरह की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहूंगा। इसलिए इस समय में मैं ऐसी भूमिकाएं ही निभा रहा हूं
जिसमें मुझे ज्यादा समय नहीं देना पड़े और मेहनताना अच्छा मिल जाए। अब मैं किसी भी फिल्म के लिए 60 दिन तक शूटिंग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा थियेटर मुझे अब भी आकर्षित करता है। थिएटर एक ऐसा मंच है, जिसके माध्यम से पिछले हजार सालों के महान लेखकों के साथ काम के जरिए जुड़ा रहा जा सकता है।