(तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क)
तेहरान ,ईरान :पश्चिमी मुल्कों की झूठी और साजिश रचने वाली पत्रकारिता से दुखी ईरान की सैयद इब्राहीम हुसैनी रईसी सरकार ने 3 हजार वर्षों से मित्र देश भारत के मीडिया घरानों को ईरान में कार्यालय खोलने और हिंदी निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देने की बात आज तहलका टुडे के एडिटर सैयद रिज़वान मुस्तफा के साथ आए भारत के प्रेस प्रतिनिधि मंडल सदस्यो से मुलाकात में संस्कृति व प्रसारण मंत्रालय के उप मंत्री डॉ. फरशाद मेहदीपुर ने कहा कि ईरान सरकार,भारत के मीडिया हाउस के तेहरान में भारत के हर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया घराने विशेषत हिंदी मीडिया को हर प्रकार की सहायता देगा।
डाक्टर फरशाद मेंहदीपुर ने अपनी बातचीत में भारतीय मीडिया घरानों से शिकवा करते हुए कहा कि ईरान में दुनिया भर के 35 देशों के संवाददाता मौजूद हैं लेकिन भारत के एक भी मीडिया घराने का कोई भी प्रतिनिधि यहां नहीं है।
जिसके साथ ईरान के 3000 साल से भी अधिक पुराने संबंध रहे हैं और जिसकी “हिंदी” अल्फाज भी फारसी का है।
उन्होंने कहा कि अगर हिंदी भाषा के पत्रकार ईरान आते हैं तो हम उनका न केवल स्वागत करेंगे बल्कि उन्हें यहां के संस्थानों में बेहतर अवसर भी प्रदान करेंगे ताकि वे यहां हिंदी भाषा को बढ़ावा दे सकें।
इसमें ईरानी फिल्मों और फिल्म धारावाहिकों का हिंदी में अनुवाद करना शामिल है।इससे दोनों देशों के बीच हजारों साल पुराने सांस्कृतिक संबंधों को फिर से मजबूती मिलेगी और दोनों देशों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे ।
उन्होंने भारतीय पत्रकारिता की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय समाचार एजेंसियां ,समाचार पत्र, समाचार चैनल तथा वेब पोर्टल तक सभी उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान करते हैं,
विशेष रूप से खबरों को पढ़ने में, भारत वासियों का पहला स्थान है। उन्होंने भारतीय पत्रकारों से भारतीय पत्रकारिता के सकारात्मक पहलुओं पर ईरानी पत्रकारों तक पहुंचने और ईरानी लोगों में दैनिक रूप में समाचार पत्रों को पढ़ने की भावना को बढ़ावा देने की भी बात कि।
श्री फरशाद ने कहा कि ईरान में 1300 मीडिया हाउस हैं जिनमें समाचार पत्र, समाचार एजेंसियां, पत्रिकाएं, वेब पोर्टल आदि शामिल हैं। उनमें से अधिकांश गैर-सरकारी संगठन हैं और स्वतंत्र पत्रकारिता सेवाएं प्रदान करते हैं।
उन्होंने वर्तमान में यूक्रेन संकट का हवाला देते हुए कहा कि हमारे देश के अधिकांश मीडिया घराने इस युद्ध को लेकर ईरान की पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं यह उनकी सोच है और उनका हक है कि वह किसी भी मामले अपने विचार जनता तक पहुंचा सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अधिकांश मीडिया घराने साम्राज्यवाद की चपेट में हैं। उनका उद्देश्य साम्राज्यवादी लक्ष्यों को हासिल करना है। हमें यह समझना होगा कि मौजूदा परिस्थितियों में भारतीय और ईरानी पत्रकार एक-दूसरे के करीब आएं और आपसी हजारों साल के रिश्तों को मजबूत करने में मदद मिलेंगी।
फारसी भाषा को भारत में बढ़ावा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी संभावनाएं है उन पर काम किया जाएगा ।
श्री मेहदीपुर ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति पर कहा कि उसमें फारसी भाषा को क्लासिकल भाषा के रूप में मान्यता दी गई है जिसका हम स्वागत करते हैं।