ज़ुल्म ,हमला करके सबसे ज़्यादा रोने वाले समुन्द्री लुटेरों के गिरोह का देश अमेरिका को दुनिया मे नंबर 1 का खिताब मिला,फारस की खाड़ी में ईरान की मोटर बोट से खौफ़ ज़दा अमेरिकन दादागीरी की निकलीं हवा ,किया गोलाबारी,दोनों देशों में बढ़ी तल्खी

Breaking News ज़रा हटके देश विदेश

तहलका टुडे विदेश डेस्क- फारस को खाड़ी में अपना दबदबा दिखाने के लिये समुंद्री लुटेरों का ऑर्गेनाइज गिरोह और देश अमेरिका को ईरान की पनडुब्बियां और मोटर बोट ने परेशान कर रखा है एक महीने में 2 बार मोटरबोटो के घेराव और इनकी करतूतों पर नज़र से बौखलाये अमेरिकन अब गोलाबारी करने लगे है।
आपको बता दे सूत्रों और खाड़ी देशों के माहिरीन के मुताबिक ईरान ने पनडुब्बियों और मोटर बोटो को इतना आधुनिक बना दिया है कि दुश्मन के पास से गुज़र जाय तो उनकी संचार व्यवस्था ध्वस्त होने के साथ हिप्टोनिज़्म का ऐसा असर होता है की सारी व्यवस्था पंगु हो जाती है,जो हुक्म मेरे आका की आवाज़ निकलने लगती है।
इसी लिये अमेरिका इनको पकड़ने से घबराते है और आसपास अंदेशा होने से इतना घबरा जाते है कि मोटरबोटो पर गोला बारी शुरू कर देते है।

ईरान (US-Iran Relations) के बीच एक बार फिर फारस की खाड़ी (Persian Gulf) में तनाव देखने को मिला है. फारस की खाड़ी के हॉरमुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) में तेज रफ्तार 13 ईरानी नावों का एक ग्रुप अमेरिकी नौसेना (US Navy) के जहाज की तरफ बढ़ रहा था. इस दौरान अमेरिकी कोस्ट गार्ड (US Coast Guard) ने ईरानी नावों को चेतावनी देते हुए दो राउंड गोलियां चलाईं. पेंटागन (Pentagon) ने बौखलाकर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (Islamic Revolutionary Guard Corps) की नौसेना के द्वारा की गई इस हरकत को असुरक्षित और गैर-जिम्मेदाराना तिकड़मबाजी कहा है.

दो सप्ताह में ये दूसरा मौका है, जब अमेरिकी जहाजों ने ईरानी पैरामिलिट्री रिवोल्यूशनरी गार्ड के जहाजों को चेतावनी देते हुए गोलियां चलाई हैं. दोनों मुल्कों के बीच फारस की खाड़ी में ये आमना-सामना ऐसे मौके पर हो रहा है, जब वियना में पिछले दरवाजे से 2015 में हुए परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर लिया और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए. वहीं, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में परमाणु समझौते के नियमों का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम के संवर्धन को तय सीमा से बढ़ा दिया.

 

ईरानी कार्रवाई पर पेंटागन ने क्या कहा?
वहीं, जब पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी से सवाल किया गया कि क्या रिवोल्यूशनरी गार्ड्स अमेरिकी नौसेना के साथ लड़ाई मोलना चाहते थे? इस पर किर्बी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि दुख की बात ये है कि रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा ऐसा करना कोई नई बात नहीं है. ये कुछ ऐसा है, जिसके लिए जहाज पर तैनात हमारे सभी कमांडिंग ऑफिसर और क्रू मेंबर्स ट्रेंड किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये इस तरह की कार्रवाई है, जिसकी वजह से कोई किसी दिन घायल हो सकता है. इससे क्षेत्र में किसी दिन गंभीर समस्या हो सकती है और इसका किसी को कोई फायदा नहीं होगा.

26 अप्रैल को भी आमने-सामने आए अमेरिकी और ईरानी जहाज
इससे पहले, 26 अप्रैल को फारस की खाड़ी में पेट्रोलिंग के दौरान ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जहाज अमेरिकी बेड़े के काफी करीब आ गए. इसके बाद अमेरिकी जहाज से चेतावनी देते हुए गोलियां चलाई गईं. पिछले चार सालों में इस तरह की गोलीबारी की ये पहली घटना थी. नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय जल में हुई इस मुठभेड़ की ब्लैक-एंड-व्हाइट फुटेज जारी की थी. बता दें कि फारस की खाड़ी कुवैत, ईरान, ईराक और सऊदी अरब तक फैला हुई है. यहां हमेशा की अमेरिकी नौसेना गश्त लगाती रहती है और छोटे जहाज़ों को लूटते रहते है,चूंकि लुटेरा बड़ा होता है इस लिए ना कोई देश शिकायत कर पाता है ना विरोध खामोश होकर बैठ जाता है।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिकन बेड़ो ने यहाँ हज़ारो जहाज़ों को लूटा है और इनका वर्चस्व की सिर्फ ईरान ने ध्वस्त किया है।
जिससे इनकी नींदे हराम है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *