नई दिल्ली : आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने सूचना तकनीक कंपनी इन्फोसिस को उसके पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) राजीव बंसल को 12.17 करोड़ रुपए अदा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कंपनी को इस राशि पर ब्याज भी अदा करना होगा। बंसल ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने उन्हें 17.38 करोड़ रुपए की सेवरेंस राशि नहीं दी।
बंसल ने 2015 में इन्फोसिस को छोड़ दिया था और वह कंपनी छोड़ने के बाद 17.38 करोड़ रुपये के सेवरेंस पेमेंट की उम्मीद कर रहे थे। मगर कंपनी ने उन्हें केवल 5.2 करोड़ रुपये ही दिए और बाकी राशि यह कहते हुए रोक ली कि बंसल कुछ दायित्वों का पालन नहीं कर सके।
इसके बाद बंसल इस मामले को आर्बिट्रेशन में ले गए। इसके बाद इन्फोसिस ने बंसल के खिलाफ काउंटर क्लेम दायर करते हुए पहले दिए गए 5.2 करोड़ रुपये के सेवरेंस को रिफंड करने और बाकी नुकसानों की भरपाई करने को कहा।
बंसल के सेवरेंस पैकेज को लेकर इन्फोसिस में कॉर्पोरेट गवर्नेंस इशू खड़ा हो गया था।
2017 में लगभग पूरे साल यह मामला चला। कंपनी के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति ने कहा था कि ऐसा लगता है कि सेवरेंस पैकेज बंसल को खामोश रहने के लिए दिया गया है। इस मसले की वजह से इन्फोसिस के तत्कालीन सीईओ विशाल सिक्का और चार बोर्ड मेंबर्स को जाना पड़ा था। इनमें इन्फोसिस के तत्कालीन चेयरमैन आर सेशासायी भी शामिल थे।