इंडोनेशिया में लड़के-लड़की के एक टेबल पर बैठना बैन

जर्काता :  बेशक भारत में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध श्रेणी से निकाल दिया है, लेकिन दुनिया में अब भी कई देश हैं, जहां इस मामले में कड़े कानून हैं। दुनिया में सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में अब भी शरिया कानून के हिसाब से फैसले हो रहे हैं।

यहीं कारण है कि यहां पर कई कानून महिलाओं के लिए बहुत कड़े हैं। यहां के एक प्रांत ने महिलाओं के संबंध में एक और कड़ा कानून लागू कर दिया है। इंडोनेशिया के रूढ़िवादी सामाजिक व्यवस्था वाले आसेह प्रांत में अविवाहित जोड़ों को मेज साझा करने पर रोक लगा दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकार कार्यकर्ताताओं ने कहा कि बिरूएन रीजेंसी के नए काननू में समलैंगिकों की खातिरदारी पर रोक है। इसके अलावा रात 9 बजे से महिलाओं के काम करने पर भी रोक है। मेयर सैफानुर द्वारा हस्ताक्षर किए गए नए कानून में महिलाएं अगर रिश्तेदार के साथ आती हैं तो उनकी समय सीमा को नजरंदाज किया जा सकता है।

30 अगस्त को मंजूरी प्रदान किए गए कानून के अनुच्छेद 10 के अनुसार, शरिया कानून तोड़ने वाले ग्राहकों को वहां आने पर रोक है।इस कानून के तहत प्रतिबंधित के दायरे में लेस्बियन,गे,बाइसेक्सुअल या ट्रांसजेंडर ग्राहक आते हैं। कानून के अनुच्छेद 13 में रेखांकित किया गया है कि रिश्तेदार के साथ अगर नहीं हो तो पुरुष और महिला के एक साथ एक मेज पर खाने पर प्रतिबंध।

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