तहलका टुडे टीम
हैदराबाद-डॉक्टर के गैंगरेप और मर्डर के सभी चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर वी.सी सज्जनार ने इन आरोपियों के ढेर होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इन लोगों ने उस वक्त भागने की कोशिश की थी, जब इन्हें मौका-ए-वारदात पर पूरी घटना का रीकंस्ट्रक्शन के लिए ले गई थी।
इन सभी आरोपियों को पुलिस ने ठीक उसी जगह पर ढेर कर दिया, जहां उन्होंने महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस दौरान ही इन चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की और इनका पीछा करते हुए इन्हें मार गिराया गया। फिलहाल पुलिस ने इन सभी के शवों को मौके से हटा दिया है ताकि किसी भी तरह का हंगामा न हो सके।
तेलंगाना के कानून मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया से पहले ही भगवान ने उन्हें सजा दे दी। आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी तो मार गिराया। इससे हैदराबाद समेत पूरे देश में खुशी है। उन्होंने यह दावा भी किया कि वह पुलिस के हथियार लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे।
जानें, क्यों किया जाता है सीन का रीकंस्ट्रक्शन
पुलिस सभी चारों आरोपियों को लेकर सीन रीकंस्ट्रक्शन के लिए पहुंची थी। पुलिस की ओर से सीन रीकंस्ट्रक्शन की कार्रवाई इसलिए की जाती है ताकि घटना की पूरी कड़ियों को जोड़ा जा सके और मौका-ए-वारदात के हर ऐंगल को जांचा परखा जा सके। पुलिस की ओर से यह जांच अदालती कार्रवाई में भी महत्पवूर्ण होती है और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के लिहाज से भी इसे अहम माना जाता है।
यूपी के पूर्व डीजीपी बोले, हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई सही
हैदराबाद पुलिस की इस पूरी कार्रवाई को यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने हैदराबाद पुलिस को बधाई भी दी।
निर्भया कांड के बाद फिर देश में था गुस्सा
गौरतलब है कि हैदराबाद कांड के बाद से पूरे देश में रेप के आरोपियों के खिलाफ गुस्सा था और सरकार से ऐसी वारदातों पर कानून को और कड़ा करने की मांग की जा रही थी। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में निर्भया के गैंगरेप के बाद से पूरे देश में गुस्सा था और उसके बाद यह दूसरा मौका था, जब हैदराबाद समेत पूरे देश में लोग सड़कों पर उतरे।