तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली – देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश का पैतृक मकान बिना विधिक प्रक्रिया के गिराए जाने पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस गैरकानूनी कार्रवाई के लिए यूपी के मुख्य सचिव को मनोज टिबड़ेवाल आकाश को 25 लाख रुपये का दंडात्मक मुआवजा देने और दोषी अफसरों के खिलाफ आपराधिक एवं विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है। वहीं बाराबंकी के पत्रकार सैयद रिजवान मुस्तफा के उत्पीड़न कर कार्यालय को लूटने के मामले ने भी तूल पकड़ लिया है।
ऐतिहासिक फैसला: तीन जजों की खंडपीठ का आदेश
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डिवाला, और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन सदस्यीय पीठ ने करीब 1 घंटे 40 मिनट की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकारी अफसरों के रुख को हिटलरशाही करार दिया और कहा कि बिना उचित नोटिस के मुनादी करवा कर किसी का मकान गिराना कानून के राज का उल्लंघन है।
25 लाख का मुआवजा और आपराधिक कार्रवाई का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में यूपी के मुख्य सचिव को तत्काल मुआवजा देने के साथ-साथ एक महीने के भीतर दोषी अधिकारियों की जांच कर उन्हें दंडित करने के लिए कहा है। कोर्ट ने इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं कानून-व्यवस्था का उल्लंघन हैं और इन्हें हर हाल में रोका जाना चाहिए।
देशभर के मुख्य सचिवों को कड़े निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी राज्य में बुलडोजर एक्शन से पहले कानूनी प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन होना चाहिए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक निर्माण या अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में मकानों को गिराने से पहले डिमार्केशन, नोटिस और अन्य सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करना अनिवार्य है।
बाराबंकी के वरिष्ठ पत्रकार सैयद रिजवान मुस्तफा का मामला भी चर्चा में
महराजगंज मामले के साथ ही बाराबंकी के वरिष्ठ पत्रकार सैयद रिजवान मुस्तफा का मामला भी अब तूल पकड़ गया है उनके उत्पीड़न का मामला भी गरमा गया है। जनवरी 2020 में नगर पालिका प्रशासन द्वारा उनके आवंटित कार्यालय की दुकानों में बिना किसी कोर्ट के आदेश के गुंडागर्दी करते हुए घुसकर लाखों रुपये का सामान लूट ले जाने का आरोप है। इस घटना के पीछे नगर पालिका अध्यक्ष के पति, हिस्ट्रीशीटर लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव द्वारा एक जान से मारने की धमकी देने के मामले में केस को उनके पक्ष में खत्म करने के लिए गवाही देने के लिए दबाव बनाने के लिए ये हरकत की गई थी।
सैयद रिजवान मुस्तफा ने शिकायत की थी नगर पालिका के कर्मचारियों ने दिनदहाड़े उनकी दुकान का फर्नीचर, कंप्यूटर, एसी, और अन्य लाखों का सामान उठा ले गए थे,
इस घटना को लेकर नगर पालिका के अफसरों पर कार्यवाही की चर्चा से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है।
पत्रकारों के अधिकारों की लड़ाई में एक अहम फैसला,
मनोज टिबड़ेवाल आकाश का बयान
सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने कहा कि यह आदेश उनकी व्यक्तिगत जीत ही नहीं, बल्कि महराजगंज जिले के उन सभी नागरिकों की जीत है जो ऐसे दमनकारी और हिटलरशाही रवैये का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा, “यह देश के 140 करोड़ लोगों की जीत है। इस फैसले के बाद महराजगंज और अन्य जगहों पर जिन लोगों को दहशत फैलाकर मकान तोड़ने को मजबूर किया गया, उनके लिए मुआवजा और न्याय की उम्मीद की किरण जगी है।”