तहलका टुडे टीम
बाराबंकी जिले की मुमताज शख्सियत,शरीफुन नफ्स,सिर्फ इंसानियत की मदद में अपनी पूरी जिंदगी कुर्बान करने वाला फरिश्ता सिफात इंसान हाफिज इशरत अली अंसारी आज रूला गए,
मिलने का ललक के अंदाज क्या गरीब क्या अमीर,अपनी नेकियों से लोगो के दिलो में जगह बनाकर मोहब्बत और अकीदत पाने वाले हमारे बीच नहीं रहे,लेकिन उनके अखलाक किरदार जज्बे को सलाम जो हमेशा जुलुसे मोहम्मदी के साथ चमकेगा।
मरहूम के 2 बेटे और 4 बेटियां है जो उनके मिशन में हमेशा उनके साथ रहते थे,
आज नौचंदी जुमेरात को उनका इंटीग्रल हॉस्पिटल में सुबह इंतकाल हो गया,ये उनकी नेकियों की फजीलत का इनाम है,जो इस खास दिन मिली,इस पर कई हदीसे है।
मरहूम की नमाज ऐ जनाजा फजलुर रहमान पार्क मैं 3:00 बजे होगी सुपुर्द ए खाक शहीद पैगंबर बाग कब्रिस्तान रेलवे क्रॉसिंग के उस पार किया जाएगा।
उनके बेटे बेटियो रिश्तेदारों को पुरसा देने वालो का इस खबर के बाद उनके पीरबटावन आवास पर मजमा लग गया।
उनकी यादें उनकी बाते उनके ईमानदार जज्बे,देश के लिए समाज के लिए कुछ करने की चाहत और वक्फ खोरों से औकाफ की जमीन बचाने की मिशन को सेव वक्फ इंडिया के ओहदेदार जारी रखते हुए अपनी खिराजे अकीदत पेश कर उनकी मगफिरत के लिए दुआगो है।