नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने एक उम्मीदवार के लोकसभा या विधानसभा चुनाव में दो जगह से लड़ने को सही ठहराया है। केंद्र ने कहा कि पहले कोई प्रत्याशी कितनी भी जगह से चुनाव लड़ सकता था लेकिन 1996 में संसद ने सोच समझकर कानून बनाकर इसे दो सीटों तक प्रतिबंधित किया। केन्द्र सरकार ने कहा कि एक उम्मीदवार के दो सीटों पर चुनाव लड़ना वाजिब है।
ये चुनाव लडने वाले उम्मीदवार और मतदाता के अधिकारों के बीच बैलेंस बनाता है। सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि एक उम्मीदवार को दो जगहों से चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए और स्वतंत्र उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई जाए।
इस मामले में चुनाव आयोग ने याचिका का समर्थन किया था। चुनाव आयोग ने हलफनामा दायर कर कानून में संशोधन का समर्थन किया। चुनाव आयोग ने कहा था कि एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने से जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि जीतने वाला उम्मीदवार अगर सीट को छोड़ता है तो ये मतदाताओं के साथ नाइंसाफी होती है। चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है जो स्वतंत्र उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर रोक लगा सके।