नई दिल्ली । भाजपा ने मनमोहन सरकार के दौर में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से बीच ‘बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार’, का नारा दिया था। 2014 में जनता ने भाजपा को सत्ता सौंप दी। अब नए नारे नए विपक्ष यानी कांग्रेस पार्टी की तरफ से गढ़े जा रहे हैं और मुद्दा वही है पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीतमें।
सुबह-सुबह डीजल ने सोमवार को अपनी महंगाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और दिल्ली में सबसे ऊंचे स्तर को छू लिया। दिल्ली में आज डीजल की कीमत ६९.५१ रु प्रति लीटर है। ‘बहुत ही हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार’ का कांग्रेस के नेता और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि चंद महीनों की मेहमान है ये मोदी सरकार! सुरजेवाला ने ट्वीट करके कहा, ‘रिकॉर्ड स्तर पर डीजल की कीमत, पेट्रोल भी छू रहा आसमान! दिल्ली में डीज़ल की कीमत ६९.५१ रु व पेट्रोल ७७.९६ रु अन्य शहरों में डीज़ल ७२ रु पार। जारी है महँगाई की मार,
आम जनता के बजट पर हर-रोज़ प्रहार, कायम है चुनावी जुमलों की भरमार, चंद महीनों की मेहमान ये मोदी सरकार! डीजल के दाम ने ऐसी छलांग लगाई है कि अब दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम में सिर्फ ८ रुपये का अंतर रह गया है। राजधानी दिल्ली में एक लीटर डीजल का का दाम ६९ रु ४६ पैसे पर पहुंच गया है।
– महंगा डीजल कभी नहीं बिका
राजधानी दिल्ली में इतना महंगा डीजल कभी नहीं बिका। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत कल ७७.७८ रु थी जो आज सुबह ६ बजे से ७७ रु ९१ पैसे हो गई। सरकार ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल के दाम हम तय नहीं करते। बाजार तय करता है। जब सरकार ये दलील देती है
और ये सच नहीं बताती है कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स से कितनी कमाई हो रही है। डीजल की कीमत है तो ४१ रु इस पर टैक्स लगाकर सरकारी तेल कंपनियां ७० रु प्रति लीटर बेच रही हैं। सरकार एक लीटर पर करीब २९ रुपये की कमाई कर रही है।