लंदन । ब्रिटेन ने अपनी आव्रजन नीति में अनेक बदलाव प्रस्तावित किए हैं। ये बदलाव अगर स्वीकार कर लिए गए तो भारतीयों के लिए ब्रिटेन जाकर नौकरी करना आसान हो जाएगा। ब्रिटिश सरकार ने अपनी आव्रजन नीति में प्रस्तावित बदलावों पर विचार-विमर्श के लिए संसद में पेश किया। बदलावों में भारत जैसे देशों के उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों के लिए सख्त वीजा कोटा नियमों की समीक्षा किए जाने का भी प्रस्ताव है
आव्रजन नीति में बदलाव से ब्रिटेन के उद्योगों को अपने यहां सेवा देने के लिए भारत जैसे देशों से पेशेवरों को लाने में आसानी होगी। इससे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को भी काफी लाभ होगा। इसलिए इस पहल की भारत और ब्रिटेन के उद्योग-जगत ने सराहना की है। ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री केरोलाइन नोक्स ने बताया, इन बदलावों से हम अपनी अग्रणी सेवाओं की मांगों को पूरा करने में सक्षम होंगे। इससे हम अपने उद्योगों के लिए अच्छे पेशेवरों को भी आकर्षित कर सकेंगे।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष रमेश शाह ने कहा, भारतीय पेशेवरों की पुरानी मांगों के बीच ब्रिटिश सरकार की ओर से टियर टू वीजा श्रेणी को आसान बनाने का कदम एक स्वागतयोग्य घटनाक्रम है। ब्रिटिश सरकार का यह कदम निश्चित रूप से उच्च कुशल पेशेवरों के आने जाने को सुगम बनाएगा। इससे लंबे समय तक ब्रिटेन के उद्योग की समग्र प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी। ब्रिटेन में डॉक्टरों और नर्सों की कमी तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने पहले ही यह घोषणा की थी कि यूरोपीय संघ के बाहर के देशों से आने वाले चिकित्सकों एवं नर्सों को टियर टू वीजा से छूट होगी।
कन्फेडरेशन ऑफ ब्रिटिश इंडस्ट्री के मुख्य नीति निर्देशक मैथ्यू फेल ने बताया, उद्योग इन सुधारों का स्वागत करेगा क्योंकि यह एक अच्छा कदम है। अंतरराष्ट्रीय कौशल और प्रतिभा ब्रिटेन के वैश्विक नियोक्ताओं का मुख्य आधार है। एक सफल आव्रजन प्रणाली को ब्रिटेन के समाज और यहां की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि संख्या पर। उन्होंने कहा, जब तक आव्रजन व्यवस्था में सुधार नहीं होता है, नौकरी सृजित करने तथा वृद्धि के लिए जरूरी लोगों को अपने यहां बुलाने के लिए उद्योग एवं व्यापार जगत संघर्ष करते रहेंगे।