पिथौरागढ़ : कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर लखनपुर के पास बीते दिनों हुए भूस्खलन के कारण इस बार ग्रीष्मकालीन प्रवास करने वाले ग्रामीणों और कैलास मानसरोवर यात्रियों को दो किमी का सफर नेपाल से होकर करना पड़ेगा। इसके लिए नजंग और लखनपुर में भारत और नेपाल को जोड़ने के लिए काली नदी पर लकड़ी के दो अस्थायी पुल बनाए जाएंगे। नेपाल में क्षतिग्रस्त चार सौ मीटर मार्ग की मरम्मत की जाएगी।
यह प्रस्ताव जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मित्र राष्ट्र नेपाल से आए अधिकारियों के सामने रखा। जिस पर मित्र राष्ट्र के प्रशासनिक अधिकारियों ने सहमति जताई है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग के अवरुद्ध होने से माइग्रेशन करने वाले ग्रामीण भी लखनपुर से नजंग के मध्य दो किमी का मार्ग नेपाल की तरफ से तय करेंगे। इसके लिए लखनपुर और नजंग के पास दो अस्थायी लकड़ी के पुलों का प्रस्ताव भारत सरकार और नेपाल सरकार को भेजा गया है। बैठक में उच्च हिमालयी गांवों में आगामी 15 अप्रैल से होने वाले ग्रामीणों के माइग्रेशन और जून माह से होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग के मुद्दे पर चर्चा की गई।
डीएम सी रविशंकर ने कहा कि नजंग से लखनपुर के मध्य मार्ग अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि यहां पर आवागमन के लिए एकमात्र विकल्प नेपाल से ही संभव है। इसके लिए लखनपुर के पास पांच लाख की लागत से 40 मीटर लंबा और नजंग में छह लाख की लागत से 60 मीटर लंबे अस्थायी लकड़ी पुलों का निर्माण किया जाएगा। भारत से उच्च हिमालय जाने वाले ग्रामीण और कैलास मानसरोवर यात्री दो किमी का सफर नेपाल में करेंगे। नजंग पुल से नेपाल में प्रवेश करेंगे। दो किमी चलने के बाद लखनपुर पुल से भारत आएंगे। दोनों स्थानों पर पुलों का निर्माण 15 अप्रैल से पूर्व करने पर सहमति बनी।