भारत में मुसलमानों के खिलाफ़ नफ़रत फैलाने और उनकी भावनाओं को आहत करने का ट्रेंड चल रहा है : मौलाना कल्बे जवाद नकवी

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तहलका टुडे टीम
लखनऊ: पैगंबर हज़रत मोहम्मद स0अ0 के खिलाफ महंत नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ और अपमानजनक बयान की निंदा करते हुए मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सै0 कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि महंत नरसिंहानंद सरस्वती जेसे लोग देश का  माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे है,भारत सरकार को एसे लागों के खिलाफ कडी कार्रवाई करनी चाहिए।
मौलाना ने कहा कि इस समय भारत में यह ट्रेंड चल रहा है कि हर कोई मुसलमानों की भावनाओं को आहत करके सस्ती शोहरत प्राप्त करना चाहता है।कभी कोई व्यक्ति सरकार से पद पाने के लिए,तो कभी कोई व्यक्ति सरकार से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए ऐसे बयान देता है। मौलाना ने कहा कि पैगंबर हज़रत मोहम्मद स0अ0 जो अपने दुश्मनों पर भी दया करते थे और जिनके दामन पर जुल्म का एक भी दाग़ नहीं है,का अपमान करना केवल देश में आशंाति फैलाने का प्रयास है। मौलाना ने कहा कि आजकल वह भी मुसलमानों की धार्मिक भावनों का अपमान कर रहे हैं, जिन्हें इस्लाम के बारे में बुनियादी ज्ञान भी नहीं है।
मौलाना ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के आपत्तिजनक और आशांति फेलाने वाले बयानों को प्रसारित किया जा रहा हैं। अगर कोई मुसलमान किसी के खि़लाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करता है तो उसे तुरंत खतरनाक धाराओं के तहत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाता है लेकिन जब कोई मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देता है तो उसे गिरफ्तार करने के बजाए सरकार कडी सुरक्षा प्रदान करती है और उन्हें बडे पद दिये जाते है। जैसा कि वसीम रिजवी ने अदालत में पवित्र कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है, उस पर भी कोई कार्रवाई नही हुई और वह  ऐसे बयानों के माध्यम से एक बार फिर वक्फबोर्ड का अध्यक्ष बनने की कोशिश कर रहा है। हम ऐसे बयानों की कड़ी निंदा करते हैं और सरकार से ऐसे उपद्रवियों और आशांति फेलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हैं।सरकार और प्रशासन कों याद रखना चाहिए कि एसे लोगों को प्रोत्साहन देना भारत की शांति और गंगा-जमनी सभ्यता को नुकसान पहुंचाना है।
मौलाना ने मुस्लमानों से अपील की कि वह ऐसे भड़काऊ बयानों के खिलाफ कोई एसा बयान न दें जिससे मुस्लिम विरोधी ताकतों को फायदा पहुंचे। हमें ऐसे भड़काऊ बयानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए और एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। अगर मुसलमान विरोध प्रर्दशन करते हैं, तो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करें, ताकि इस्लाम विरोधी तत्वों को फायदा ने पहुंचे

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