यूपी शासन की बड़ी कार्यवाही- मुख्तार अंसारी एंबुलेंस प्रकरण में एआरटीओ बलिया राजेश्वर यादव निलंबित,वाहन पंजीकरण के समय बाराबंकी में थे तैनात 

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तहलका टुडे टीम

एआरटीओ राजेश्वर यादव के निलंबन की इस करवाई से परिवहन विभाग में हड़कंप की स्थिति है। कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इतना जरूर बताया कि लगभग दो साल की तैनाती के दौरान राजेश्वर यादव का नाम बलिया में किसी विवाद में सामने नहीं आया

मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद अब उन पर कार्रवाई शुरू हुई है, जो उसके अवैध कृत्यों में भागीदार रहे। इसी क्रम में जिले में हुई बड़ी कार्रवाई ने हलचल मचा दी। एआरटीओ बलिया राजेश्वर यादव वर्ष 2013 में बाराबंकी में तैनात थे, उस दौरान उनके द्वारा ही मुख्तार की एंबुलेंस का फर्जी पते पर रजिस्ट्रेशन किया गया था। मामले में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने उन्हें निलंबित कर दिया है। साथ ही परिवहन विभाग के मुख्यालय में उन्हें संबद्ध करने का आदेश जारी कर दिया।

आजमगढ़ के एआरटीओ प्रवर्तन संतोष कुमार सिंह को बलिया का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। आजमगढ़ के आरटीओ प्रवर्तन आरएन चौधरी ने बताया कि राजेश्वर यादव को निलंबित कर दिया गया है। प्रमुख सचिव परिवहन का पत्र उन्हें प्राप्त हो गया है। उन पर बाराबंकी में तैनाती के दौरान एंबुुलेंस के रजिस्ट्रेशन मेें दायित्वों का निर्वहन नहीं करने का आरोप है। उन्हें चार्जशीट भी जारी कर दी गई है। उधर एआरटीओ राजेश्वर यादव ने बताया कि उन्हें उन पर हुई कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है।

जांच में निकल चुके हैं फर्जी दस्तावेज : बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार ने पिछले दिनों बाराबंकी पुलिस को बयान में यह माना था कि उसने सोच समझकर एंबुलेंस खरीदी और रजिस्ट्रेशन बाराबंकी से कराया था। पुलिस जांच में पाया गया कि इस एंबुलेंस का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराया गया। इसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में मामले में मुख्य साजिशकर्ता बनाकर केस दर्ज कराया गया था।

सुनवाई जेल से आख्या नहीं आ पाने के कारण टाल दी गई : बांदा जेल में निरुद्ध सदर विधायक मुख्तार अंसारी को उच्च श्रेणी के बंदी का दर्जा देने के मामले में बुधवार को वर्चुअल सुनवाई जेल से आख्या नहीं आ पाने के कारण टाल दी गई। अदालत ने इसके लिए अगली सुनवाई की तिथि एक जुलाई तय कर दी गई। सदर विधायक मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने बताया कि मुख्तार अंसारी सीनियर सीटिजन व 25 साल से विधायक हैं तथा ग्रेजुएट के साथ ही आयकर दाता भी हैं। इसलिए वे उच्च श्रेणी बंदी की सुविधा के हकदार हैं। इस मामले में पहले ही अदालत ने बांदा जेल प्रशासन से आख्या तलब किया था।

बलिया में उनकी तैनाती जुलाई 2019 से हुई थी। राजेश्वर यादव पर हुई करवाई से परिवहन महकमे में हड़कंप की स्थिति है। इस संबंध में पूछने पर कोई भी अधिकारी और कर्मचारी कुछ कहने से कतराते हैं। कर्मचारियों ने इतना जरूर बताया कि लगभग दो साल की तैनाती के दौरान राजेश्वर यादव का नाम बलिया में किसी विवाद में सामने नहीं आया।

 

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