-सेल्स को टार्गेट करने में होगी आसानी
न्यूर्याक । एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पीने से कैंसर को काबू में किया जा सकता है। ऐसा करने से सेल्स को टार्गेट करने में आसानी होगी। अनुसंधानकर्ताओं को उम्मीद है कि अगर यह खोज पूरी तरह से सफल रही तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज का खर्च बेहद कम हो जाएगा।
अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो बेकिंग सोडा को पानी में घोलकर पीने से शरीर में मौजूद कैंसर ट्यूमर के अंदर मौजूद सेल्स और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं जिससे कीमोथेरपी ड्रग्स के माध्यम से उन सेल्स को मारना आसान हो जाता है। दरअसल, जैसे-जैसे ट्यूमर बड़ा होता जाता है यह अपने अंदर मौजूद सेल्स तक पहुंचने वाली ब्लड सप्लाई को रोक देता है जिससे इन सेल्स की सक्रियता कम हो जाती है और वे ट्यूमर के अंदर ही छिपे रहते हैं।
बेकिंग सोडा के जरिए ये सेल्स फिर से ऐक्टिव हो जाते हैं जिससे कीमोथेरपी दवा की मदद से इन्हें मारना आसान हो जाता है क्योंकि कीमोथेरपी दवा सिर्फ ऐक्टिव सेल्स को ही टार्गेट करती है। कीमोथेरपी और इम्यूनोथेरपी के जरिए ट्यूमर को ज्यादा से ज्यादा टारगेट किया जा सकता है। बेकिंग सोडा वाला पानी पीने से निष्क्रिय या सुशुप्त पड़े सेल्स भी ऐक्टिव हो जाते हैं
और उन्हें भी खत्म किया जा सकता है। ये वही सेल्स होते हैं जो पहले तो निष्क्रिय रहते हैं लेकिन इनकी वजह से बीमारी के दोबारा उभरने का खतरा रहता है। इस स्टडी के नतीजे इसलिए भी अहमियत रखते हैं क्योंकि शरीर में निष्क्रिय पड़े कैंसर सेल्स को कीमोथेरपी के जरिए मारा नहीं जा सकता। कीमोथेरपी सिर्फ उन्हीं सेल्स को मारती है जो सक्रिय यानी ऐक्टिव होते हैं।
लुडविग इंस्टिट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च में मौजूद अमेरिकी वैज्ञानिक और स्टडी के ऑथर ची वैन डैंग कहते हैं कि इस स्टडी के नतीजे कैंसर के सस्ते इलाज का रास्ता साफ कर देंगे क्योंकि इसके लिए लाखों रुपये की महंगी दवाईयां खाने की जरूरत नहीं होगी और सिर्फ सस्ते बेकिंग सोडा से ही काम हो जाएगा।
डॉ डैंग की यह स्टडी ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर से पीड़ित चूहों पर की गई थी जिसके नतीजे बताते हैं कि बेकिंग सोडा मिला पानी पीने से ट्यूमर में मौजूद कैंसर सेल्स की सक्रियता पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ जाती है जिससे वे कैंसर थेरपीज के प्रति ग्रहणशील बन जाते हैं।