बेंगलुरु । सबसे तेज बढ़ने वाली आईटी कंसल्टिंग और आउटसोर्सिंग कंपनियों में से एक अक्सेंचर अब भारतीय कर्मचारियों का टैलंट ट्रांसफॉर्मेशन कर रही है। कंपनी अपने कर्मचारियों को डेटा विश्लेषण, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचैन और इंटरनेट के मामले में स्पेशलिस्ट बनाना चाहती है।
इंडिया के एमडी मोहन शेखर ने कहा, पिछले कुछ साल में ही अक्सेन्चर से सामान्य कर्मचारियों को हटा दिया गया है। हमें इनोवेशन कल्चर और किसी खास मामले में अच्छी जानकारी रखने वाले लोग चाहिए। कर्मचारियों से कहा है कि उन्हें तकनीक और इंडस्ट्री पर पकड़ बनानी चाहिए।
अक्सेन्चर के दुनियाभर में करीब 4.4 लाख कर्मचारी हैं जिनमें से 1.5 लाख यानी तिहाई संख्या भारतीयों की है। शेखर ने कहा, पांच साल पहले तक लोगों के अच्छे काम के बदौलत हमें इंडिया डिवेलपमेंट सेंटर के रूप में जाना जाता था।
हमें संगठन को इनोवेटिव बनाना है। भारतीय आईटी इंडस्ट्री डिलिवरी पर फोकस करती रही है लेकिन अब इनोवेशन पर ध्यान दिया जा रहा है। इस मामले में अक्सेंन्चर आगे हो सकती है। एक साल पहले कंपनी ने बेंगलुरु में 24 हजार करोड़ रुपये की लागत से अपनी तरह का पहला इनोवेशन हब शुरू किया है।
कंपनी के मुताबिक लगभग 600 ग्राहक इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं। वित्तवर्ष 2017 में डिजिटल, क्लाउड और सिक्यॉरिटी सर्विस से अक्सेन्चर का मुनाफा 30 फीसदी बढ़ा था। यह कुल रेवेन्यू का आधा था। शेखर ने कहा कि पारंपरिक दुनिया में इस लागू करने में 5 साल लग जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अगर आपने इस दौरान कुछ नया किया तो नौकरी कर सकते हैं।