वाशिंगटन । अमेरिकी प्रशासन की विवादित ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत पिछले तीन माह से ओरेगान राज्य की जेल में बंद पांच अवैध सिख आव्रजकों सहित कुल आठ लोगों को मुचलके पर रिहा कर दिया गया। इन सभी ने अमेरिका में रहने के लिए शरण मांगी है। आव्रजन वकीलों ने इस बात की जानकारी दी।
शरण मांगने वाले बड़े आव्रजक समूह का हिस्सा होने के कारण 52 भारतीयों के एक समूह को मई महीने से ही ओरेगान के एक हिरासत केन्द्र में रखा गया है। इनमें ज्यादातर आव्रजक सिख हैं। शेरिडान जेल में बंद तमाम आव्रजकों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। वहां कुल 124 अवैध प्रवासी बंद हैं। ओरेगान जेल में करीब तीन महीने गुजारने के बाद पांचों आव्रजक कल पहली बार बाहर नजर आए।
जेल से रिहा हुए 24 वर्षीय करनदीप सिंह का कहना है, शुरूआत में मुझे कोई आशा नहीं थी। अब यह सपने की तरह है। मैं बहुत खुश हूं। हमारी मदद करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद। इनमें से कई सिखों को शेरिडान जेल के भीतर अपने मूल सिख रीति-रिवाजों का पालन करने में भी दिक्कत हुई। सिंह का कहना है मैं जेल अधिकारियों को दोष नहीं देता।
संभवत: उन्हें पता नहीं है कि सिख किस प्रकार प्रार्थना करते हैं। वहीं 22 वर्षीय लवप्रीत का कहना है हम बहुत अवसाद में थे। हम अपनी कोठरियों से बाहर नहीं निकल पाते थे अपने परिवारों को फोन करना तो दूर की बात है। जेल अधिकारियों को भी नहीं पता था कि हम कौन हैं। हमारे परिवार हमारी मदद कैसे करते, जबकि उन्हें पता भी नहीं था कि हम कहां हैं?