नई दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अमेरिका अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चार साल में सबसे अच्छी रही है ओर साथ ही रुपया टूट रहा है, जिससे भारत के निर्यात का परिदृश्य बेहतर दिख रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका भारतीय निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है।
पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका को निर्यात का आंकड़ा 47.9 अरब डॉलर रहा। उसके बाद संयुक्त अरब अमीरा, हांगकांग का स्थान आता है। चालू साल की दूसरी तिमाही में अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही है, जो चार साल का उच्चस्तर है।
चीन के साथ मौजूदा शुल्क विवाद के बावजूद अमेरिका यह वृद्धि हासिल करने में सफल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारत का वस्तुओं का निर्यात 303 अरब डॉलर रहा। इसमें अमेरिका का हिस्सा 16 प्रतिशत था।
रिपोर्ट कहती है कि भारतीय निर्यात के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। वस्तुओं के साथ सेवाओं के मामले भी यही स्थिति है। ऐसे में अमेरिका की वृद्धि दर का अच्छा होना भारत की दृष्टि से अच्छी बात है। एसोचैम ने कहा कि रुपये में गिरावट से भारत का आयात बिल बढ़ा है,
लेकिन निर्यातकों के लिए इससे शुद्ध प्राप्ति में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। अगस्त, 2018 के व्यापार आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान डॉलर मूल्य में निर्यात 19 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन निर्यातकों की रुपये में प्राप्तियों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पादों में इंजीनियरिंग का सामान, रसायन और रत्न एवं आभूषण आते हैं।