वाशिंगटन : एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हादसे का शिकार होने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल ने लड़ाकू विमान एफ-35 की उड़ान पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इन लड़ाकू विमानों की उड़ान पर रोक लगाते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। बताया जाता है कि इस विमान की फ्यूल ट्यूब में खराबी है। इस खामी को दुरुस्त किए जाने के बाद ही इन विमानों के भविष्य का फैसला होगा।
पिछले माह 28 तारीख को दक्षिणी कैरोलिना में एक एफ-35 लड़ाकू विमान गिर गया था। हालांकि पायलट समय रहते इससे सुरक्षित निकल आया था। उल्लेखनीय है कि एक एफ-35 फाइटर जेट की कीमत 100 मिलियन डॉलर यानी 740 करोड़ रुपए है।
अमेरिकी वायुसेना ने हाल ही में इस विमान के जरिए अफगानिस्तान में तालिबान के ठिकानों पर हमला शुरू किया था, लेकिन ताजा आदेश के बाद यह अभियान रोक दिया गया है। बताया जाता है कि इस विमान की फ्यूल ट्यूब में खराबी है। इस खामी को दुरुस्त किए जाने के बाद ही इन विमानों के भविष्य का फैसला होगा।
माना जा रहा है कि एक-दो दिन में यह खामी ठीक कर ली जाएगी। ब्रिटेन भी इन विमानों की जांच कर रहा है। इसके अलावा इजरायल ने भी एफ-35 लड़ाकू विमानों को ग्राउंड पर रहने के आदेश दिए गए हैं।
एफ-35 लड़ाकू विमान का क्रैश होना इसके लिए नई मुसीबतें खड़ी कर सकता है। इन विमानों का कार्यक्रम पहले से ही कई संकटों में पड़ चुका है। इसे सबसे महंगा विमान माना जाता है। इसकी डिलीवरी में कई बार देरी हुई और इसके चलते कीमत में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
एफ-35 लड़ाकू विमान की शुरुआत 90 के दशक में हुई थी और इसे अमेरिकी इतिहास का सबसे महंगा वेपन सिस्टम माना जाता है। इसके बारे में कहा जा रहा था कि यह वे सब काम कर सकता है, जिसकी अमेरिकी सेना को जरूरत होती है। हालांकि अब तक यह इन सभी दावों पर खरा नहीं उतर पाया है।
इसकी वर्तमान कीमत 100 मिलियन डॉलर है, जो कि इसकी शुरुआती कीमत की तुलना में दोगुनी है। पिछले साल फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी कीमत को लेकर काफी कड़वी बातें कही थीं। इसके बाद कीमत में सात प्रतिशत की कमी आई है।
इसकी लंबाई 15.6 मीटर यानी 51.2 फीट है। इसकी डैनों की चौड़ाई 35 फीट है। इसकी टॉप स्पीड 1200 मील प्रति घंटा है। इसे लॉकहीड मार्टिन कंपनी बना रही है, जिसका कहना है कि इसकी खासियतें ‘अभूतपूर्व’ है। इसे बनाने में तीन लाख अलग-अलग पार्ट लगते हैं। एक एफ-35 बी विमान को बनाने में 58000 घंटे लगते हैं।