बाराबंकी में 10 रुपये का भुट्टा जब अखिलेश यादव को लगा महंगा

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रिज़वान मुस्तफ़ा/तहलका टुडे टीम

बाराबंकी -पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज महादेवा में की पूजा,रानी गंज में शराब से मरे लोगो के परिजनों को दिया पुरसा,रास्ते मे खरीदा 10 रुपये का भुट्टा,और बगैर टोल दिए निकल गया दर्जनों गाडियो का काफिला।
2012 में 6 सीट सपा की झोली में डालने वाले पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को आज ताबीज़ की तरह साथ लेकर अखिलेश यादव चल रहे थे मीडिया से बात करते हुए योगी सरकार पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि चुनाव खत्म होते ही उत्तर प्रदेश अराजकता की भेंट चढ़ गया है. जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है. एक बार फिर लगभग 2 दर्जन मौत तो सिर्फ बाराबंकी में जहरीली शराब से हो गयी. एक दर्जन से जायदा लोग अस्पताल में जिन्दगी-मौत से जूझ रहे हैं. यह नकली शराब सरकारी ठेके से ही बेची गई.

अखिलेश ने कहा कि आबकारी और पुलिस विभाग की नाक के नीचे मौत का व्यापार चलता रहा. भाजपा सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में नकली शराब से ही सैकड़ों मौतें होना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. यह शर्मनाक है कि मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करने के बजाय भाजपा को इसमें भी राजनीति दिखने लगी है.  अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार को मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये की मदद देनी चाहिए.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में सुशासन का ढोंग करने वालों का सच सामने आता जा रहा है. कानून व्यवस्था के हालात बद से बदतर हैं. मुख्यमंत्री जी के दावे के विपरीत न तो अपराधी प्रदेश छोड़कर बाहर जा रहे हैं और नहीं वे जेल में कड़ी निगरानी में रह रहे हैं. जेल में भी माफियाओं के दरबार लग रहे हैं. जेलों के अन्दर बंदियों की हत्या, उनपर हमले और माफिया किस्म के अपराधियों द्वारा वहां से भी वसूली और हत्या की वारदातों का संचालन होने के समाचार हैं.

अखिलेश ने कहा प्रदेश में कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब हत्या, लूट, अपहरण और दुष्कर्म किए जाने की घटनाएं न घटती हों. ऐसा लगता है प्रदेश में कानून का राज समाप्त है.  मुख्यमंत्री जी के बड़बोलेपन से अपराधियों में कतई खौफ नहीं है. बल्कि सही स्थिति तो यह है कि पुलिस को ही अपराधियों का ज्यादा खौफ रहता है. कई जगहों पर दबंगों अपराधियों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर जो फर्जी कार्रवाइयां की उनकी कलई जांच पड़ताल में खुल गई.
बता दें कि सोमवार को ही ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी-दादरी रोड पर समाजवादी पार्टी के नेता एवं सांसद श्री सुरेन्द्र नागर की कम्पनी के 65 लाख रुपये लूट लिए गए. नजीबाबाद में बसपा नेता एहसान अहमद की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. बुलंदशहर में 5 लाख की फिरौती के लिए तीन मासूम बच्चों की हत्या कर दी गई. राजधानी लखनऊ में ही सर्राफा व्यापारियों से लूट और उनकी हत्या की कई घटनाओं का खुलासा भी नहीं हो सका. दुष्कर्म की घटनाएं भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
अखिलेश ने कहा कि  प्रशासन की निष्क्रियता और भाजपा नेतृत्व में इच्छाशक्ति की कमी के कारण बढ़ते अपराधों से राज्य सरकार के प्रति जनता में असंतोष बढ़ता ही जा रहा है. जनता भाजपा से भयभीत एवं सहमी हुई है. सरकारों की जिम्मेदारी जनता के जान-माल की सुरक्षा की गारंटी होती है. पर भाजपा सरकार इससे बेखबर है. यह लोकतंत्र में खतरनाक स्थिति है.

यादव ने बाराबंकी के विधानसभा क्षेत्र रामनगर के वि.ख.सूरतगंज अन्तर्गत रानीगंज में हुये ज़हरीली शराब कांड का शिकार हुये लोगों के परिजनों से मुलाक़ात की व संवेदना व्यक्त की।
पूर्व मन्त्री अरविन्द कुमार सिंह “गोप” के साथ पहुँचे
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी बाराबंकी के रामनगर महादेवा स्थित सुप्रसिद्ध महाभारतकालीन लोधेश्वर महादेवी मन्दिर पहुँच कर विधिवत पूजन अर्चनाा किया।
इस अवसर पर पूर्व मन्त्री राजेन्द्र चौधरी,समाजवादी पार्टी के पूर्व ज़िलाध्यक्ष डा.कुलदीप सिंह, ज़िलाध्यक्ष हाफ़िज़ अयाज़, पूर्व मन्त्री राकेश वर्मा, पूर्व विधायक रामगोपाल रावत, पूर्व प्रमुख राजन सिंह, मो. शकील,पूर्व प्रमुख ज्ञानू सिंह, पिंटू सिंह गर्री ,मेराज प्रधान,हशमत अली गुड्डू ,प्रद्युम्न यादव  पव्वा ,सहित भारी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रहे
वापसी में टोल से पहले अखिलेश यादव सड़क के किनारे ठेले पर भुट्टा बेच रहे एक व्यक्ति को देख कर रुके थे. अखिलेश यादव ने ठेले वाले से भुट्टे की किस्म पूछते हुए पूछा कि आखिर यह भुट्टा कहां का है. ठेले वाले ने जवाब दिया कि बहराइच का है. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि मीठा है और कितने में बेच रहे हो

ठेले वाले ने बड़ी विनम्रता से जवाब दिया कि हां, मीठा है और दस रुपये में इसे बेच रहा हूं. इस अखिलेश यादव ने तपाक से कहा कि बहुत महंगा दे रहे हो और अगर मीठा नहीं हुआ तो इसकी वापसी तो होगी नहीं.

फिर अखिलेश ने उससे एक भुट्टा लिया और अपनी गाड़ी में बैठ कर खाने लगे. अखिलेश यादव से जब लोगों ने पूछा कि भुट्टा महंगा तो नहीं है तो उन्होंने कहा कि यह गरीब क्या महंगा देगा, और फिर उनकी गाड़ी का काफिला आगे बढ़ गया. अखिलेश की यह सादगी आसपास चर्चा का केन्द्र बन गई.

दर्जनों गाडियो का काफिला बगैर टोल टैक्स दिये हुए लखनऊ के लिए रवाना हो गया।
अचानक पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाराबंकी में आने से प्रशासन में हड़कंप मच गया

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