योगी सरकार में ईमानदार अधिकारियो के लिए मुसीबत बने बेईमान सिपाही और दरोगा ईमानदार और साफ छवि के पुलिसअधिकारी ADG प्रशांत कुमार पर 21वी सदी का भृष्ट और बेईमान,वसूली गैंग का सरदार इंस्पेक्टर परशुराम ने लगाया ट्रांसफर कराने का आरोप,किया गया निलंबित

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  • उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले में तैनात इंस्पेक्टर परशुराम पर लगातार कई गंभीर आरोप लग रहे हैं।आज इस भराष्ट्राचारी इंस्पेक्टर  को एसएसपी बुलंदशहर निलंबित कर दिया गया हैं।

बता दें कि परशुराम जनपद के डिबाई थाने का थाना प्रभारी है, जो कि कुछ समय पहले ही नोएडा से ट्रांसफर होकर बुलन्दशहर जिले में तैनात हुआ है।

वसूली गैंग का सरदार है इंस्पेक्टर परशुराम…!
इंस्पेक्टर परशुराम पर आरोप है कि वो जिले में वसूली करता है और तो और कई वसूली गैंग का सरदार भी है। परशुराम के कहने पर ही जिले के कई थाना क्षेत्रों में वसूली का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

साथ ही परशुराम पर संगीन आरोप लगाने वाला एक व्हाट्सएप्प चैट भी वायरल हो रहा है। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

मैसेज चैट वायरल…
दरअसल, जो मैसेज चैट वायरल हुआ है, उसमें बुलंदशहर के डिबाई थाने के इंस्पेक्टर परशुराम के सीयूजी नम्बर से किसी दूसरे व्यक्ति से चैट हुआ है, जिसमें इंस्पेक्टर ने पुलिस विभाग के किसी एडीजी पर पैसा लेकर जिला बदलवाने की बात कही है।

मैसेज में साफ लिखा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में खूब पैसा चल रहा है। चैट में उसने अपना गौतमबुद्धनगर (NOIDA) से बुलंदशहर तबादला प्रदेश के किसी एडीजी को 50,000 रुपये देकर करवाया है। चैट में बात हुई है-“एडीजी सर के कैम्प ऑफिस में बाबू को एक लिफाफे में 50,000 रुपए और दूसरे में एप्लीकेशन पहुंचा दो, तबादला हो जाएगा।”

आपको बता दें कि एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार स्वच्छ और बेदाग छवि के अफसर माने जाते हैं। उनका इस तबादले से कोई लेना देना नही है। परशुराम का ट्रांसफर आईजी मेरठ राम कुमार ने किया है।
यूपी में सर्वाधिक एनकाउंटर एडीजी प्रशांत कुमार के क्षेत्र मे ही हुए थे। यही वजह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बदमाशों ने भय के डर से पलायन शुरू कर दिया था। प्रशांत कुमार की अगुवाई मे पुलिस ने यूपी से भयमुक्त माहौल की स्थापना में गति पकड़ी थी।

इंस्पेक्टर परशुराम में बारे में ये बात भी सामने आई है कि वह एक जिले में तबतक ही रहते हैं जबतक उनको थाना देने वाले एसएसपी उस जिले में रहते हैं। एसएसपी का ट्रांसफर होते ही वह भी जुगाड़ लगाकर अपनी पोस्टिंग अन्‍यत्र करवा लेता हैं।

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