वक्फ बिल पर संसद में संग्राम लोकसभा में आज पास नहीं हो सका वक्फ संशोधन बिल, सेव वक्फ इंडिया मिशन के अलंबरदार भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथरीटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नकवी के विरोध के प्रेस कांफ्रेंस ऐलान से सरकार ने
भेजा बिल JPC के पास
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली सेव वक्फ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिजवान मुस्तफा के अनुसार सदन में जैसे ही वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया गया वैसे ही सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला.
सरकार ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की अनुशंसा की गई.
आपको बता दे नौकर शाही की भू माफियाओं ,वकफखोरो से मिलकर पेश किया गया वक्फ संशोधन बिल को लेकर इधर संसद में हंगामा चल रहा था उधर भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथारिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नकवी की सेव वक्फ इंडिया मिशन की टीम में पूरे देश में बेचैनी और गुस्सा था,इन्ही सब हालात को देखते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस पहले करबला शाहे मर्दा का ऐलान हुआ बाद में संसद के सामने की नोटिस जारी हुई,मौलाना जवाद के ऐलान से दिल्ली समेत पूरे देश का खुफिया तंत्र एक्टिव हो गया जिसका संज्ञान सरकार ने लिया,हालात की नजाकत को देखते हुए ये बिल केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024′ पेश किया और विभिन्न दलों की मांग के अनुसार विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘मैं सभी दलों के नेताओं से बात करके इस संयुक्त संसदीय समिति का गठन करुंगा.”
विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) ने विधेयक का समर्थन किया, हालांकि, तेदेपा ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की पैरवी की. विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है. आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया. इसके बाद कई संशोधन किए गए.” रीजीजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया.
वक्फ संशोधन बिल के विरोध में किसने-क्या कहा…
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों के लिए खास है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। वक्फ प्रॉपर्टी का मतलब मस्जिद और दरगाह की जगह है। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को मैंबर बनाएंगे। क्या वे बिलकिस बानो को मैंबर बनाएंगे। यह सरकार मुसलमानों की दुश्मन है।
DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, यह आर्टिकल 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रशासन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट कर रहा है।
NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, इस बिल को या तो वापस ले लें या इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दें। किसी से सलाह लिए बिना एजेंडा आगे न बढ़ाएं। बिल का ड्राफ्ट सांसदों के पास पहुंचने के पहले मीडिया में पहुंचा। इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि 6 अगस्त को बिल सांसदों के पास भेजा गया था। सांसद पोर्टल चेक करें।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- वक्फ बोर्ड मस्जिदों का प्रबंधन करता है। आप वक्फ की ताकत खत्म करके डीएम राज लाना चाहते हैं। वक्फ की प्रॉपर्टी को कब्जा मुक्त कराकर यह बिल लाना चाहिए था।
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा- यह बिल सोची समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है। वक्फ में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य नहीं है। अगर आप जिलाधिकारी को ताकत दे देंगे तो गड़बड़ी होगी। भाजपा हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टीकरण के लिए यह बिल ला रही है।
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- इस बिल के माध्यम से सरकार सिविल कोर्ट के अधिकारों का हनन करना चाहती है। कौन सी प्रॉपर्टी किसकी है, यह तय करना कोर्ट का काम है। इस बिल के माध्यम से सरकार हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ना चाह रही है।
वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में किसने-क्या कहा…
जेडीयू सांसद और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा- इस बिल को मुसलमान विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है। यह बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। यह बिल मस्जिदों पर लागू करने के लिए नहीं है। एक निरंकुश संस्था को कानून में बांधने के लिए लाया जा रहा है।
भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है। वे अच्छी चीजों को भी बुरा बताते हैं। पीएम कई अच्छी योजनाएं लाए हैं लेकिन वे कहते हैं कि ये सभी चीजें गलत हैं।
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद जीएम हरिश बालयोगी ने कहा- यह बिल मुस्लिमों और महिलाओं के हित में है। इसे वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता के लिए लाया गया है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, देश में एक ही कानून चलेगा। आपको अलग कानून की जरूरत क्यों है। ये संविधान के नाम पूरे देश में भ्रम फैला रहे हैं। इस बिल में महिला की भागीदारी भी होगी।
टीडीपी का भी समर्थन
एनडीए की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के जीएम हरीश ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, ‘टीडीपी वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करती है. सुधार लाना और उद्देश्य को सुव्यवस्थित करना सरकार की जिम्मेदारी है. हम विधेयक का समर्थन करते हैं. हमें इसे सलेक्ट कमेटी को भेजने में कोई समस्या नहीं है.’