अपराधियो के दिलो का खौफ,300 से ज़ियादा अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर, राष्ट्रपति से 3 बार वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले यूपी की आन बान शान आईपीएस प्रशांत कुमार बने कार्यवाहक डीजीपी,अपराधियों और साज़िश रचने वालो में हड़कंप

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अपराधियो के दिलो का खौफ,300 से ज़ियादा अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर, राष्ट्रपति से 3 बार वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले यूपी की आन बान शान आईपीएस प्रशांत कुमार बने कार्यवाहक डीजीपी,अपराधियों और साज़िश रचने वालो में हड़कंप

तहलका टुडे टीम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को योगी सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार को सरकार ने एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर यूपी नियुक्त किया है। इससे पहले आईपीएस विजय कुमार यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे लेकिन उनके रिटायर होने पर प्रशांत कुमार को कार्यवाहक DGP नियुक्त किया गया है।

प्रशांत कुमार को 26 जनवरी को चौथी बार गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया गया था। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सिवान में हुआ था। पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने 300 से ज्यादा दुर्दांत अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है। इसके अलावा प्रशांत कुमार ने 4 साल तक तमिलनाडु कैडर में पुलिस सेवा की। इसके बाद 1994 में प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश आईपीएस कैडर में आ गए।

प्रशांत कुमार को 2020-21 में वीरता पुरस्कार से नवाजा गया
प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश पुलिस में काफी अहम भूमिकाओं में काम किया है। उनके कार्यकाल में काफी कुख्यात अपराधियों और माफियाओं का अंत हुआ है। प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश पुलिस में ‘सिंघम’ नाम से भी जाना जाता है। अपनी लंबी नौकरी के दौरान प्रशांत कुमार ने करीब 14 मेडल प्राप्त किए हैं। उनको बहादुरी और उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए 3 बार पुलिस मेडल मिल चुका है। प्रशांत कुमार को 2020 और 2021 में वीरता पुरस्कार से भी नवाजा गया। उन्‍हें खासतौर पर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए जाना जाता है।
इन अपराधियों का समाप्त किया साम्राज्य
एक समय था जब बेखौफ अपराधी सार्वजनिक रूप से अपराध का झंडा लहरा रहे थे। एक समय था जब यूपी में कुख्यात संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना और विक्की त्यागी आदि कुख्यात बदमाशों का साम्राज्य फैला हुआ था। हालांकि 2017 में जब से यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ ने संभाली है उसके बाद से ही अपराधियों को सफाया करने के लिए प्रशांत कुमार को मेरठ में तैनात किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि आज इन बदमाशों का अंत हो चुका है। दिल्ली स्थित प्रीत विहार के मेट्रो हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीकांत गौड़ के किडनैप केस का खुलासा करने पर भी प्रशांत कुमार ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इस मामले में बदमाशों ने 5 करोड़ की फिरौती मांगी थी।
अतीक को मिट्टी में मिलाने वाले,मुख्तार के साथ पूर्वांचल और पश्चिम के माफियो को जेल की सलाखों में पहुचाने का भी शरफ़ मिला है।

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